- फूलों की वर्षा के बीच हुई सांवरे की चर्चा
- नानी बाई रो मायरो में भजनों पर झूमे श्रद्धालु
- भव्य आयोजन में हजारों श्रद्धालुओं ने लिया श्रीकृष्ण की भक्ति का आनंद
सतीश बंसल सिरसा:
स्व. श्रीमती रेखा शर्मा मैमोरियल ट्रस्ट एवं स्व. श्रीमती सोनाली झूंथरा मैमोरियल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में चार दिवसीय नानी बाई रो मायरो कथा का भव्य आगाज़ हिसार रोड स्थित निशुराज में हुआ जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का गुणगान करते हुए आनंद लिया।
कथा के दौरान सुप्रसिद्ध कथाव्यास जयाकिशोरी ने संगीतमयी कथा के दौरान भक्त नरसी के जीवन से जुड़े विभिन्न रोचक पहलुओं को उजागर किया वहीं
इंसान को प्रभु को हर पल याद रखने का भी संदेश दिया।
कथा आरंभ करने से पूर्व कथाव्यास जयाकिशोरी ने मंच पर स्व. श्रीमती रेखा शर्मा एवं स्व. श्रीमती सोनाली झूंथरा की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि व भगवान श्रीकृष्ण को नमन करते हुए सिरसा के प्रतिष्ठित पंडित होशियारीलाल शर्मा, उनके पुत्र राजकुमार शर्मा एवं मुरलीधर झूंथरा परिवार के चंद्र झूंथरा द्वारा स्व. रेखा शर्मा एवं स्व. सोनाली झूंथरा की स्मृति में किए जाने वाले सामाजिक व आध्यात्मिक कार्यों के लिए मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उन्होंने स्व. रेखा शर्मा के जन्मदिवस पर आरंभ हुई इस कथा में यह कामना भी की कि पिछले करीब एक साल से कोरोना संक्रमण के चलते प्रभावित हुई भगवत कथाओं का दौर रूकने न पाए क्योंकि इंसान की वास्तविक खुशी प्रभु को स्मरण करने में है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने भौतिक जीवन में बेशक व्यापार करे अथवा अन्य संसाधनों से धन का प्रबंध करे मगर सारी प्रक्रियाओं के दौरान जगत के रचनाकार को कभी न भूले क्योंकि उन्हीं की अनुकंपा से व्यक्ति पद, प्रतिष्ठा और पैसा आदि प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि गृहस्थ में रहकर भी प्रभु को हर समय स्मरण रखना चाहिए।
भक्त नरसी के संदर्भ में कथा का रसपान करवाते हुए जया किशोरी ने बताया कि किस प्रकार गुजरात में रहने वाले नरसी मेहता जन्म से ही मूक और बधिर थे और उनके माता पिता के देहांत के बाद वे अपनी दादी के पास रहते थे। उनकी दादी उन्हें अनेक धार्मिक स्थलों व मेलों आदि में लेकर जाती थी ताकि किसी तरह और किसी की दया से उनका पौत्र बोल और सुन सके। इसी कड़ी में उन्हें एक संत के रूप में प्रभु के ही दर्शन हुए और उन्होंने नरसी मेहता के कानों में राधा कृष्ण का शब्द कहा तो नरसी मेहता तत्काल केवल राधा कृष्ण ही कहने में समर्थ हो गए। कथा में बताया गया कि नरसी मेहता की भाभी बहुत क्रोध करने वाली थी जो उन्हें बार बार अपनी कथनी से उन्हें प्रताडऩा देती थी। समय के चक्र के साथ नरसी मेहता की दादी का देहांत हो गया और उसके कुछ समय बाद उनका विवाह एक सरल प्रकृति वाली स्त्री से हो गया जिन्हें नरसी मेहता की भाभी अपने कथनों से प्रताडि़त करती थी।
फूलों की वर्षा और भजनों में लीन हुए श्रद्धालु
भक्त नरसी की कथा के दौरान कथाव्यास जया किशोरी द्वारा मारवाडी भाषा में प्रस्तुत किए गए भजन मीठै रस से भरीओड़ी, राधा रानी लागै, म्हानै खारो खारो जमनाजी को पाणी लागै, बता मेरे यार सुदामा रै भाई घणे दिनां म्हैं आया पर श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। नाचते हुए श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा से जो माहौल बना, वह अवर्णनीय था। कथा नृत्य के बाद शर्मा एवं झूंथरा परिवारों के सदस्यों के साथ शहर के गणमान्य लोगों ने भी मंच पर भगवान श्रीकृष्ण की आरती गाई और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा के दौरान बंसीवट मंदिर के पुजारी पंडित सीताराम ने भी योगाभ्यास के बूते स्वयं को आत्मकेंद्रित होने की कला भी प्रदर्शित की।
इन्हें किया सम्मानित
प्रथम दिन की कथा समापन के बाद मंच पर कथाव्यास जया किशोरी ने स्व. श्रीमती रेखा शर्मा मैमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित होशियारीलाल शर्मा व स्व. श्रीमती सोनाली झूंथरा मैमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष मुरलीधर झूंथरा के अलावा कालांवाली के विधायक शीशपाल केहरवाला, सालासर धाम के पुजारी विकास, हनुमानगढ़ से आए अशोक लाटा, आनंद लाटा, हरियाणा स्टील से संजीव गुप्ता, भारतभूषण गुप्ता, बीकानेर से आए जगदीश, विनोद, हिसार से आए शिवकुमार, इंद्र कुमार, बिजली निगम के एसडीओ पुष्पेंद्र सिंह, भाजपा नेता प्रदीप रातुसरिया, श्याम बजाज, गुरदयाल मेहता, प्रह्लाद, सुरेश मिंचनाबादी, उर्मिला भारद्वाज, पुनीता बलदेवराज, एडीसी कार्यालय से सुखविंद्र सिंह, जिला जेल अधीक्षक शेर सिंह, कुणाल सहरावत, रामावतार हिसारिया आदि को स्मृति चिह्न व प्रभुनाम लिखित पट्टिकाएं प्रदान की। इस दौरान कथा के आयोजक राजकुमार शर्मा, राजेश शर्मा, चंद्र झूंथरा के अलावा व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष हीरालाल शर्मा, प्रेम शर्मा, सुगनचंद शर्मा, राजकुमार चौधरी, राधेश्याम झूंथरा, मोहित शर्मा, देवांश शर्मा, संयम झूंथरा, नयन झूंथरा, शीतल झूंथरा, अंजनी गोयल, जितेंद्र शर्मा, स्वामी रमेश साहुवाला, भारतभूषण सरदाना, सतीश कुमार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
कथा श्रवण को अनेक गांवों से पहुंचे ग्रामीण
हिसार रोड स्थित निशुराज में आयोजित भव्य कथा आयोजन में कथा श्रवण करने के लिए सिरसा शहर ही नहीं बल्कि समीपस्थ गांवों से भी काफी संख्या में ग्रामीण पहुंचे जिनमें महिलाएं काफी थी। ग्रामीणों को कथास्थल पर लाने एवं ले जाने के लिए वाहनों की निशुल्क व्यवस्था की गई थी जिनका श्रद्धालुओं ने काफी लाभ उठाया। अहम बात यह रही कि बेहतर पुलिस सुरक्षा एवं निजी सुरक्षा कर्मियों के बीच श्रद्धालुओं के लिए कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए मास्क व सैनेटाइजर का प्रबंध किया गया था और श्रद्धालुओं के बैठने के दौरान सामाजिक दूरियों का भी खास ख्याल रखा गया था।