अरसे से भाजपा में हाशिये पर रहे पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने तृणमूल आ दामन थाम लिया है। शुरू ही से धुर मोदी विरोधी रहे सिन्हा के लिए श्रीधरन को केरल में मुख्य मंत्री का चेहरा बनाना रास नहीं आया। सिन्हा ने तंज़ करते हुए मोदी से 75 साल वाले उनके फार्मूले के बारे में पूछा। अब व राजनीति में अपनी ज़मीन तलाशने टीएमसी में शामिल हो गए हैं
- अटल सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा तृणमूल कांग्रेस में शामिल
- बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद यशवंत सिन्हा काफी समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे
- चर्चा है कि दिनेश त्रिवेदी की जगह अब यशवंत सिन्हा को राज्यसभा भेज सकती है टीएमसी
कोलकाता: बीजेपी के पूर्व नेता और केंद्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. वे आज कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के मुख्यालय में पहुंचे. माना जा रहा है कि वे बंगाल चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राजीनितिक सलाहकार बनेंगे.
सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं- यशवंत सिन्हा
TMC में शामिल होने के बाद यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने कहा कि प्रजातंत्र का मतलब होता है कि सरकार के प्रतिनिधि 24 घंटे जनता के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करें. देश का अन्नदाता पिछले 3 महीने से दिल्ली की सरहद पर बैठा है और किसी को कोई चिंता नहीं है. देश में शिक्षा-स्वास्थ्य दुर्दिन से गुजर रहे हैं लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. उन्होंने दावा करते हुए कहा,’इसमें कोई शक नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस बहुत बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी. बंगाल से पूरे देश में एक संदेश जाना चाहिए कि जो कुछ मोदी और शाह दिल्ली से चला रहे हैं, अब देश उसको बर्दाश्त नहीं करेगा.’
आज की सरकार कुचलने में भरोसा करती है’
उन्होंने आरोप लगाया कि देश में इस वक्त राज कर रही रूलिंग पार्टी का एक ही मकसद है कि किसी भी तरह चुनाव जीतो और अपनी विजय पताका फहराते जाओ. यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने कहा कि आज की सरकार लोगों की जरूरतें पूरा करने के बजाय उन्हें कुचलने में विश्वास करती है. उन्होंने दावा किया कि अटल जी और आज के समय की बीजेपी में जमीन-आसमान का अंतर है. उस जमाने में सभी दलों और आम लोगों की सुनी जाती थी लेकिन आज सुनाई जाती है.
‘अटल जी और आज की बीजेपी में बहुत फर्क’
यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने कहा कि अटल जी के समय को देखें तो उस वक्त कर्नाटक में जनता दल एस, कश्मीर में पीडीपी, बंगाल में टीएमसी, पंजाब में अकाली दल, बिहार में जेडीयू, महाराष्ट्र में शिवसेना समेत देश की तमाम बड़ी पार्टियों के साथ बीजेपी ने तालमेल किया. उन्होंने कहा कि अटल जी की इच्छा कभी किसी को दबाने की नहीं रही. वे सबको साथ लेकर चलते थे लेकिन आज कोई भी इनके साथ नहीं है. यहां तक कि अब अकाली दल भी इनका साथ छोड़ गया है.