Tuesday, December 24

आज 13 मार्च है. आज दर्श अमावस्या है. इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जा रहा है क्योंकि ये शनिवार के दिन पड़ रही है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनि देव की पूजा करने और कुछ विशेष उपाय करने से कुण्डली में शनि दोष और शनि की साढ़े-साती या ढैय्या की चाल से मुक्ति मिलती है. दर्श अमावस्या के दिन सुख समृद्धि और परिवार के कल्याण की कामना के लिए पूजा की जाती है. इस दिने पूजा करने से घर में सुख समृद्धि आती है और लोगों का उद्धार होता है. 

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः फाल्गुन, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः अमावस अपराहन् 03.51 तक है, 

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः पूर्वाभाद्रपद रात्रि 12.22 तक है, 

योगः साध्य सांय 07.54 तक, 

करणः नाग, 

सूर्य राशिः कुम्भ, 

चंद्र राशिः कुम्भ, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 06.37, 

सूर्यास्तः 06.24 बजे।

नोटः आज फाल्गुनी शनिवासरी अमावस व्रत एवं स्नानदान तर्पणादि है।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।