कॉंग्रेस यह मानती है की उत्तर भारत के मतदाता मुद्दों पर नहीं अपितु भेड़ चाल से अपना मत डालते हैं। इसी लिए इनके सांसद दक्षिण भारत का रुख कर रहे हैं। दक्षिण भारत से चुनाव लड़ कर जीतने पर उत्तर भारत की अपनी अविश्वसनीय हार को न पचा पाने वाली कॉंग्रेस के लिए अब दक्षिण भारत में भी सब कुछ ठीक नहीं है। हाल ही में केरल में चुनावों की घोषणा हुई है। वहाँ भी कुछ ज्वलंत मुद्दे उठ खड़े हुए जिसे निपटाने में कॉंग्रेस अक्षम साबित हुई और वहाँ भी विघटन का दंश झेल रही है।
- केरल में 6 अप्रैल को होना है विधानसभा चुनाव के लिए मतदान
- अभी प्रत्याशियों की लिस्ट पर हो रही थी माथापच्ची, लगा झटका
- पीसी चाको ने सोनिया को भेजा इस्तीफा, बड़ी नाराजगी जताई
- कहा- केरल कांग्रेस में दो खेमे, तबाही को चुपचाप देख रहा हाईकमान
एक के बाद एक नेताओं के पार्टी छोड़ने से बेजार कांग्रेस को एक और झटका लगा है। कांग्रेस से एक और विकेट गिरा है. । कांग्रेस के सीनियर नेता पीसी चाको ने इस्तीफा दे दिया है. खुद पीसी चाको ने इसका ऐलान करते हुए कहा है कि मैंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है और अपना इस्तीफ पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है। इस्तीफे के ऐलान के बाद चाको ने कहा कि केरल कांग्रेस की टीम के साथ काम करना मुश्किल है। चाको ने केरल के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर भी नाराजगी जताई. । पीसी चाको ने टिकट वितरण को लेकर कहा कि किसी नियम का पालन नहीं किया गया।
चाको ने बुधवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, चाको ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। चाको ने कहा कि केरल में कांग्रेस पार्टी दो धड़ों में बंटी हुई है। उन्होंने कहा कि वे हाईकमान से दखल देने की गुजारिश करते-करते थक गए हैं। चाको ने कहा कि केरल कांग्रेस में जो कुछ भी घट रहा है, आलाकमान उसे चुपचाप देख रहा है। चाको वही नेता हैं जिन्होंने करीब दो साल पहले गांधी परिवार को ‘देश का पहला परिवार’ बताकर बखेड़ा खड़ा कर दिया था। तब इसके लिए उनकी खासी आलोचना हुई थी और बीजेपी ने उनपर गांधी परिवार की चाटुकारिता का आरोप लगाया था।
चाको ने कहा, “मैं केरल से आता हूं जहां कांग्रेस जैसी कोई पार्टी नहीं है। वहां दो पार्टियां हैं- कांग्रेस (I) और कांग्रेस (A)। दो पार्टियों की कोऑर्डिनेशन कमिटी है जो KPCC की तरह काम कर रही है। केरल एक अहम चुनाव के मुहाने पर है। लोग कांग्रेस की वापसी चाहते हैं मगर शीर्ष नेता गुटबाजी में लगे हैं। मैं हाईकमान से कह चुका हूं कि यह सब खत्म होना चाहिए लेकिन हाईकमान दोनों समूहों के प्रस्तावो से भी सहमति जता रहा है।”
कांग्रेसी होना सम्मान की बात है लेकिन केरल में आज कोई कांग्रेसी नहीं हो सकता है। या तो वो I ग्रुप से हो सकता है या फिर A ग्रुप से इसलिए मैंने उससे बाहर निकलने का फैसला किया। इस आपदा को हाईकमान मूकदर्शक बनकर देख रहा है और कोई हल नहीं है।
आज आलाकमान से नाराज, कभी खूब करते थे तारीफ
चाको का गांधी परिवार से मोहभंग हो गया लगता है। दो साल पहले तक वे उन्हें ‘भारत का प्रथम परिवार’ बता रहे थे। चाको ने तब कहा था कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत के पहले परिवार के बारे में नकरात्मक राय है। वह सच में भारत का पहला परिवार है। भारत उनका आभारी है… भारत आज जो है वो पंडित जवाहरलाल नेहरू की योजना और नेतृत्व की वजह से है।” तब केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गांधी परिवार के बारे में चाको के बयान की निंदा करते हुए इसे चाटुकारिता की संस्कृति का प्रतीक बताया था।
राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 6 अप्रैल को एक ही चरण में होगा। चुनावों के परिणाम 2 मई को घोषित किए जाएंगे।
वायनाड में भी 4 नेताओं ने दिया था इस्तीफा
पिछले हफ्ते पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड में 4 नेताओं का इस्तीफा हुआ था। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सदस्य केके विश्वनाथन, केपीसीसी सचिव एमएस विश्वनाथन, डीसीसी महासचिव पीके अनिल कुमार और महिला कांग्रेस नेता सुजाया वेणुगोपाल ने पार्टी से इस्तीफा दिया था।