Tuesday, December 24

मुंह के बल गिरा हुड्डा द्वारा लाया गया खट्टर सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव

किसान आंदोलन के बीच हरियाणा की भाजपा+जेजेपी (जजपा या जननायक जनता पार्टी) गठबंधन वाली सरकार के लिए बुधवार का दिन बहुत अहम होने जा रहा है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में पेश कर दिया है। कांग्रेस का कहना है कि खट्टर सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है। भाजपा विधायक और विधानसभा में सरकार को समर्थन दे रही दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी के विधायक सराकर के साथ नहीं है। कांग्रेस लगातार दुष्यंत चौटाला पर हमला कर रही है और उनसे सरकार के समर्थन वापस लेने की अपील कर रही है। बहरहाल, सरकार की भरोसा है कि वह विश्वास मत हासिल कर लेगी। सरकार की ओर से कांग्रेस पर हमला किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि कांग्रेस के अंदर विश्वास खत्म हो गया है।

गोपाल कांडा ने की सरकार के समर्थन की घोषणा: हरियाणा की पूर्व मंत्री एवं हलोपा विधायक गोपाल कांडा सदन में तीसरी बार पहुंचे। उन्होंने सदन में कहा कि मैं स्वयं के बूते पर लोगों के सहयोग से विधानसभा में चुनकर आया हूं। सदन में मुझे सभी की बात रखनी है। पूरा भारत गांवों में बसता है। अगर गांव का किसान सरकार हितैषी नहीं होता तो दोबारा देश और हरियाणा में भाजपा की सरकार नहीं आती। रही बात विपक्ष की तो वह किसानों के हित में अपनी बात सही ढंग से रख रहे हैं। अगर किसान आज समझदार है। अगर उसे लगता है कि यह कानून ठीक नहीं है तो तीन साल बाद जो चुनाव होंगेे, उसमें वह बता देंगे कि उनका फैसला क्या है। मैंने अपने दिल से जो सरकार हरियाणा में है, जिन्होंने मुझे चुनकर भेजा है, उनके लिए मैं हरियाणा की सरकार के साथ हूं, क्योंकि मेरा कर्तव्य बनता है।

निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने कहा कि तीन कृषि कानून किसान के पक्ष में है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा नकली मुख्यमंत्री हैं और मनोहर लाल असली मुख्यमंत्री हैं। हुड्डा ने कहा कि अनुबंध खेती यह लेकर आए थे। कांग्रेस ने किसान आंदोलन के नाम पर तो कभी जाट आंदोलन के नाम पर जनता को गुमराह किया है। जनता कांग्रेस को माफ नहीं करेगी।

जजपा विधायक ईश्वर सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव को अनुचित ठहराया। निर्दलीय नयनपाल रावत अब सरकार की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बोल रहे हैं। कंवरपाल गुर्जर ने कांग्रेस की सरकार और अपनी सरकार के कार्यकाल में फसलों के बढ़े दामों की तुलना करते हुए कांग्रेस को दिया जवाब। कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हमने किसानों के लिए सहकारी बैंकों का ब्याज जीरो कर दिया है। कांग्रेस ही किसानों की मौत की जिम्मेदार है। विपक्ष के पास बोलने के लिए कुछ नहीं है। हमने किसानों के खाते में छह हजार रुपये डाले हैं, लेकिन हुड्डा बड़े आदमी हैं, उन्हें यह पैसा नहीं चाहिए।

अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में आधा घंटे तक बोले विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा। कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई सहित करीब एक दर्जन मुद्दे उठाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के पास भले ही बहुमत है, लेकिन वह अपने हलके में जाकर दिखाएं तो मानें।

कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस ने रखा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव। इस पर आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई को छोड़कर सभी 28 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। दो घंटे तक होगी इस अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा। फिर होगा मतदान। 18 से अधिक कांग्रेस विधायक प्रस्ताव के पक्ष में खड़े हुए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराने के लिए दी अनुमति। विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पढ़ रहे अविश्वास प्रस्ताव।

मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव से पहले अपनी जीत का भरोसा दिलाया और कहा कि अटकलों पर से थोड़ी देर में पर्दा उठ जाएगा। हम सौ फीसदी बहुमत साबित करने जा रहे हैं। जररूत इस बात की है कि कांग्रेस अपने विधायकों को संभाले।

हालांकि कांग्रेस के ही कुछ नेता इस अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि बिना किसी तैयारी के लिए यह अविश्वास लाया जा रहा है। यह सवाल इसलिए भी उठा है कि कांग्रेस की तरफ से दिए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर 25 विधायकों ने हस्ताक्षर किए हैं, जबकि हरियाणा विधानसभा में उसके 30 विधायक हैं। जिन विधायकों ने हस्ताक्षर किए हैं, वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थक बताए जा रहे हैं।

हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीट हैं। 2 सीट खाली होने से बहुमत का आंकड़ा 45 रह जाता है। भाजपा के पास अपने 40 विधायक हैं। जेजेपी के 10 विधायकों के अलावा 7 में से 5 निर्दलीय भी अब तक सरकार के साथ हैं। ऐसे में भाजपा को सरकार बचाने में बहुत ज्यादा परेशानी नहीं होना चाहिए। 2019 में हुए इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 30 सीट मिली थी। इनके अलावा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी।