सिरसा 8 मार्च –( सतीश बंसल ):
स्थानीय सी-ब्लॉक स्थित ब्रह्माकुमारीज सद्भावना भवन में महाशिवरात्रि के पावन उलपक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश चोपड़ा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रमुख समाजसेवी रमेश मेहता, जींद की क्षेत्रीय संचालिका बी.के. विजय दीदी, ब्रह्माकुमारीज ग्राम विकास प्रभाग के पंजाब जोन के कॉर्डिनेटर बी.के. विजय भाई, सद्भावना भवन की संचालिका बी.के. प्रीति बहन व सद्भावना भवन के ट्रस्टी बी.के. सुभाष भाई उपस्थित थे। कार्यक्रम का उद्देश्य जीवन में अपनी आंतरिक बुराईयों का त्याग करते हुए अच्छाईयों को धारण कर स्वयं को जागृत करना था। अपने सम्बोधन में पिछले 50 वर्षों से ब्रह्माकुमारीज से जुड़ी हुई बी.के. विजय दीदी ने कहा कि आज मानव को स्वयं के अन्दर सुख, शांति, प्रेम, आनन्द रूपी गुणों को धारण करने की आवश्यकता है। गुणों को धारण करने से हम जीवन में अवगुणों का सहज ही त्याग कर सकते हैं। हमारे जीवन में दुख, बीमारी, अशांति का कारण गुणों की कमी है, जब हम स्वयं को गुणी बनाएंगे तो ही अपने अन्दर सर्व बीमारियों का निदान कर सकेंगे। बी.के. विजय भाई ने कहा कि व्यक्ति को स्वयं को सोलर पैनल समझकर व परमात्मा को ज्ञान रूपी सूर्य मानकर दिन में कम-से-कम 10 से 12 बार अवश्य ध्यान लगाना चाहिए। मात्र एक मिनट काअभ्यास से भी हमें सशक्त, समर्थ और शक्तिशाली बनने की दिशा में बल देता है।
मुख्य अतिथि जगदीश चोपड़ा ने अपने उद्बोधन में संस्था के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि आज जो बहनें नि:स्वार्थ भाव से सेवा कर रही हैं, उसमें सभी को सहयोग देना चाहिए। एक-एक व्यक्ति अपने घर से समाज तक, समाज से लेकर पूरे विश्व तक कार्यरत है, इसलिए स्वयं की भूमिका अहम है। विशेष रूप से मातृत्व शक्ति को इसमें अपना योगदान अवश्य देना चाहिए। बी.के. प्रीति बहन ने इस यादगार पर्व पर व्यर्थ की नकारात्मकता व अपने अहंकार को त्यागते हुए समर्थ जीवन जीने व स्वयं की चेतना को जागृत करने का पावन संदेश दिया। व्यर्थ से बचें, समर्थ बनें, खुशी दें-खुशी लें व दुआओं का खाता जमा करें। उन्होंने सभी को ईश्वरीय सौगात देकर एवं शिव पिता के ध्वजारोहण पर प्रतिज्ञाबद्ध करते हुए जीवन में आगे बढऩे की प्रेरणा दी। सद्भावना भवन ट्रस्टी बी.के. सुभाष भाई ने सभी को बधाईयां देते हुए आभार व्यक्त किया और सभी को एकमत होकर एक पिता के बच्चे बनकर सहयोग देने और सहयोग लेने की भावना को विकसित करने पर बल दिया। कार्यक्रम में बी.के. कविता बहन, बी.के. शमा बहन, बी.के. सरिता बहन, बी.के. पूजा बहन, डॉ० विनीता सुथार, डॉ० ओ.पी. वधवा, एल.पी. धमीजा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।