कांग्रेस ओहदा दे सकती है पर नेता वही बनते हैं जिनको लोग मानते हैं’ : आनंद शर्मा

जम्मू में कांग्रेस ‘शांति सम्मलेन‘ : भगवा साफा पहनकर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जम्मू में इकट्ठे हुए. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी को लेकर अपने-अपने विचार रखे. हालांकि सभी नेताओं ने एक सुर में कहा कि पार्टी कमजोर हुई है. दरअसल राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने और संसद से विदाई के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू कश्मीर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. उनके साथ जी-23 के भी कई नेता मौजूद

  • कांग्रेस में अंसतुष्ट कहे जाने वाले नेताओं का समूह जी-23 जम्मू के एक कार्यक्रम में शामिल हुआ
  • कपिल, आनंद शर्मा और राज बब्बर ने कांग्रेस को कमजोर बताते हुए कामकाज पर सवाल उठाए
  • वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को दोबारा राज्यसभा न भेजे जाने कपिल सिब्बल ने जताई हैरानी
  • कांग्रेस ओहदा दे सकती है पर नेता वही बनते हैं जिनको लोग मानते हैं’ : आनंद शर्मा
  • ‘राज्य सभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं’ : गुलाम नबी आजाद
  • लोग कहते हैं- जी 23, मैं कहता हूं गांधी 23। महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ :राज बब्बर

जम्मू/चंडीगढ़:

एक ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावी राज्य तमिलनाडु का दौरा कर रहे हैं, वहीं जम्मू में पार्टी के असंतुष्ट नेता एक कार्यक्रम में इकट्ठा हुए। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कांग्रेस के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस उन्हें कमजोर होती दिख रही है। उन्होंने गुलाम नबी आजाद को दोबारा राज्यसभा के लिए नामित न किए जाने पर भी सवाल उठाए। इस कार्यक्रम में सोनिया-राहुल के पोस्टर नहीं थे। कार्यक्रम के मंच पर गांधी ग्लोबल लिखा था।

आजाद के रिटायरमेंट पर सिब्बल का सवाल?

पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने गुलाम नबी आजाद के रिटायरमेंट पर कहा, ‘हम नहीं चाहते थे कि आजाद साहब संसद से जाएं। हमें दुख हुआ. आजाद कांग्रेस की असलियत जानते हैं, जमीन को जानते हैं। मुझे यह बात समझ नहीं आई कि कांग्रेस इनके अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है?’ कपिल सिब्बल ने कहा, ‘सच्चाई ये है कि कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिखाई दे रही है और इसलिए हम यहां एकत्रित हुए हैं। हमें इकट्ठे होकर पार्टी को मजबूत करना है. गांधी जी सच्चाई के रास्ते पर चलते थे, ये सरकार झूठ के रास्ते पर चल रही है.’बता दें, शांति सम्मेलन में सिर्फ गुलाम नबी आजाद समर्थक गुट के नेता शामिल हुए हैं, जिनमें पूर्व मंत्री, विधायक शामिल हैं।

हम नहीं चाहते थे कि गुलाम नबी आजाद साहब को संसद से आजादी मिले। क्योंकि मैं समझता हूं कि जबसे वह राजनीति में आए कोई ऐसा मंत्रालय नहीं रहा, जिसमें वह मंत्री नहीं रहे। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इस अनुभव को कांग्रेस पार्टी इस्तेमाल क्यों नहीं कर पा रही है।

हमें कोई न बताए कि हम कांग्रेसी हैं या नहीं- आनंद शर्मा

आनंद शर्मा ने आगे कहा, ‘पिछले 10 सालों में कांग्रेस कमजोर हुई है। दो भाई अलग-अलग मत रखते हों, तो इसका मतलब यह नहीं है कि घर टूट जाएगा। या भाई, भाई का दुश्मन हो जाता है, ऐसा तो नहीं हो जाता है। अगर कोई अपना मत न व्यक्त करे कि उसका कोई क्या मतलब न निकाल ले, फिर वह घर मजबूत नहीं रहता है।’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बिना नाम लिए नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए कहा, ‘मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, कांग्रेस ओहदा दे सकती है पर नेता वही बनते हैं जिनको लोग मानते हैं।’ गुलाम नबी आजाद के रिटायरमेंट पर उन्होंने कहा, ‘किसी को भी गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि ये कोई रिटायरमेंट है, ये कोई सरकारी नौकरी नहीं है. आजाद भारत में लेह और लद्दाख का विलय हुआ है और मैं आज भी नहीं मानता कि ये स्टेट नहीं है UT है. आनंद शर्मा ने कहा, ‘भारत एक नाम, एक विचारधारा पर नहीं चल सकता है.’

आनंद शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, ‘हममें से कोई ऊपर से नहीं आया। खिड़की रोशनदान से नहीं आया। दरवाजे से आए हैं। चलकर आए हैं। छात्र आंदोलन से आए हैं। युवक आंदोलन से आए हैं। यह अधिकार मैंने किसी को नहीं दिया कि मेरे जीवन में कोई बताए कि हम कांग्रेसी हैं कि नहीं हैं। यह हक किसी का नहीं है। हम बता सकते हैं कांग्रेस क्या है। हम बनाएंगे कांग्रेस को।’

हम छात्र आंदोलन से आए हैं। युवक आंदोलन से आए हैं। यह अधिकार मैंने किसी को नहीं दिया कि मेरे जीवन में कोई बताए कि हम कांग्रेसी हैं कि नहीं है। यह हक किसी का नहीं है। हम बता सकते हैं कांग्रेस क्या है। हम बनाएंगे कांग्रेस को।

‘राज्य सभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं’

इस सम्मेलन में गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘मैं राज्य सभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से रिटायर नहीं हुआ और मैं संसद से पहली बार रिटायर नहीं हुआ हूं.’ साथ ही उन्होंने जम्मू कश्मीर का स्पेशल दर्जा खत्म होने का मुद्दा उठाया. आजाद ने कहा, ‘आज कई बरसों बाद हम राज्य का हिस्सा नहीं हैं, हमारी पहचान खत्म हो गई है. राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए हमारी संसद के अंदर और बाहर लड़ाई जारी रहेगी. जब तक यहां चुने हुए नुमाइंदे मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं होंगे बेरोजगारी, सड़कों और स्कूलों की ये हालत जारी रहेगी.’

पार्टी ने आजाद को नहीं दिया सम्मान
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार G-23 समूह के एक नेता ने कहा ‘जब दूसरी पार्टियां आजाद को सीट की पेशकश कर रही हैं, प्रधानमंत्री ने उनके बारे में इतना अच्छा कहा. हमारी कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया.’ खास बात है कि कई वरिष्ठ नेताओं को पार्टी ने दरकिनार करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्षी का नेता बनाया है. पार्टी नेतृत्व के इस फैसले के चलते G-23 के नेताओं की नाराजगी और बढ़ गई है.

ये नेता बैठक में शामिल

जम्मू पहुंचने वाले नेताओं में गुलाम नबी आजाद, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा और राज बब्बर शामिल हैं. G-23 के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि आज कांग्रेस में जो कुछ हो रहा है, वह पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक में हुई सहमति का उल्लंघन है. किसी सुधार या चुनाव के कोई संकेत नहीं हैं. बता दें कि पिछले साल G-23 के नेताओं ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखे खत में पार्टी के कामकाज को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी. इन नेताओं ने कांग्रेस के सांगठनिक चुनाव को तत्काल कराने सहित संगठन में जरूरी बदलाव की मांग भी की थी.

गुलाम नबी के नेतृत्व में जम्मू पहुंचे ये नेता
इस समारोह में गुलाम नबी आजाद और राज बब्बर के अलावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा और भूपिंदर सिंह हुड्डा मौजूद हैं। गुलाम नबी गांधी ग्लोबल फैमिली एनजीओ के प्रमुख हैं। माना जा रहा था कि ये नेता कांग्रेस के कामकाज पर सवाल उठा सकते हैं।

जी-23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत बने’
इस मौके पर यूपी कांग्रेस के पूर्व चीफ और जी-23 के नेता राज बब्बर भी मौजूद थे। राज बब्बर ने मंच से कहा, ‘लोग कहते हैं, जी 23, मैं कहता हूं गांधी 23। महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ, इस देश के कानून और संविधान का गठन किया गया था। कांग्रेस इसे आगे ले जाने के लिए मजबूती से खड़ी है। जी 23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत बने।’

लोग कहते हैं- जी 23, मैं कहता हूं गांधी 23। महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ, इस देश के कानून और संविधान का गठन किया गया था। कांग्रेस इसे आगे ले जाने के लिए मजबूती से खड़ी है। जी 23 चाहता है कि कांग्रेस मजबूत बने।

राहुल के बयान से नाखुश है जी-23!
यह भी कहा जा रहा है कांग्रेस में अंसतुष्ट नेताओं का समूह राहुल गांधी के हालिया ‘उत्तर-दक्षिण की राजनीति’ वाली टिप्पणी से नाखुश है। कांग्रेस के ये नेता गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा के लिए फिर से नामित न किए जाने से भी नाराज हैं। पिछले दिनों गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल समाप्त हो गया था जिसके बाद उन्हें विदाई दी गई। आजाद की विदाई समारोह में पीएम मोदी ने सदन में उनकी काफी तारीफ की थी। इसके कई मायने निकाले गए थे।

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