टीआरएस नेता ने कार से निकाल कर वकील दंपति की हत्या की

इस पूरे प्रकरण का एक और पहलू है। एक मामला था, जिसमें हिरासत के दौरान मृत्यु हुई थी। इसकी जाँच के लिए वकील दंपत्ति ने याचिका दायर की थी। इस संबंध में उन्होंने पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया था। इस मामले में जी वामन राव और जी नागमणि ने खुद को ख़तरा बताया था। वकील दंपत्ति के एक मित्र का कहना था कि दोनों ने ज़मीन से जुड़े घोटालों में कई स्थानीय नेताओं के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई थी। मृतक जी वामन राव के पिता किशन राव ने ही रामागिरी पुलिस थाने में इस मामले को लेकर एफ़आईआर दर्ज कराई। 

तेलंगाना/ नयी दिल्ली:

तेलंगाना के पेडापल्ली जिले स्थित हाइवे पर मंगलवार की दोपहर वकील दंपत्ति जी वामन राव (52) और जी नागमणि (48) की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। अब इस मामले में कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। हत्या में टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) नेता कुंता श्रीनिवास का नाम सामने आया है।

एफ़आईआर के मुताबिक़ घटना के पहले आरोपित वेल्दी वसंथा राव ने टीआरएस नेता कुंता श्रीनिवास और अक्कापका कुमार के साथ मिल कर वकील दंपत्ति की हत्या का षड्यंत्र रचा। इसके पीछे की वजह ये थी कि वो कथित तौर पर गुंजापडूगू गाँव में पेदम्मा मंदिर और अवैध घर का निर्माण करवा रहा था।

ज़ोन आईजी वाई नागी रेड्डी के मुताबिक़ टीआरएस नेता कुंता श्रीनिवास का मंदिर निर्माण को लेकर वामन राव से विवाद था। वामन राव के ड्राइवर ने भी बयान दिया, जिसके मुताबिक़ वामन राव ने टीआरएस नेता का नाम लिया था। फिलहाल पुलिस इस मामले में 4 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमें 3 का नाम एफ़आईआर में मौजूद है।

पति-पत्नी दोनों ही तेलंगाना हाईकोर्ट में वकालत करते थे। दरअसल मंगलवार को जी वामन राव और उनकी पत्नी जी नागमणि अपनी कार में मंथानी कोर्ट से हैदराबाद जा रहे थे। कलवाचर्ला गाँव के नज़दीक बदमाशों ने जबरन उनका रास्ता रोका। इसके बाद उन्होंने वकील दंपत्ति पर धारदार हथियार से हमला कर दिया और उनके टुकड़े-टुकड़े कर दिए।

घायल वकील दंपत्ति को पेडापल्ली स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ दोनों की मृत्यु हो गई। फ़िलहाल टीआरएस नेता कुंता श्रीनिवास को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। 

इस पूरे प्रकरण का एक और पहलू है। एक मामला था, जिसमें हिरासत के दौरान मृत्यु हुई थी। इसकी जाँच के लिए वकील दंपत्ति ने याचिका दायर की थी। इस संबंध में उन्होंने पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया था। इस मामले में जी वामन राव और जी नागमणि ने खुद को ख़तरा बताया था।

वकील दंपत्ति के एक मित्र का कहना था कि दोनों ने ज़मीन से जुड़े घोटालों में कई स्थानीय नेताओं के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई थी। मृतक जी वामन राव के पिता किशन राव ने ही रामागिरी पुलिस थाने में इस मामले को लेकर एफ़आईआर दर्ज कराई। 

किशन राव ने एफ़आईआर में कहा है कि उनके बेटे और बहू की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह जमीन से जुड़े कई घोटालों को उजागर करने वाले थे। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए किशन राव ने कहा:

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