Friday, December 27

राकेश अग्रवाल, पंचकुला – 17.02.2021

जब से पंचकूला नगर निगम के अधिकारियों द्वारा वैनडर्स एक्ट को लागू करने के लिए पंचकूला के रेहड़ी फड़ी वालों के सर्वे किये गए और फिर जो उनकी लिस्ट निकली गयी उसमे कई फ़र्ज़ी नाम आने की बात कही गयी है।

इस आशंका को दूर करने के लिए यह लिस्ट एक नही दो नही बल्कि 3 बार बनाई गई और तीसरी बार भी इसी समस्या का सामना करना पड़ा।
जब यह सवाल उठाया गया कि आखिर इन फ़र्ज़ी नामों का बीच में आने का कारण क्या है तब खुद नगर निगम के अधिकारियों ने बताया यह बात उन्हें भी तब पता चली जब उन्होंने ड्रॉ निकलने की कोशिश की।
लेकिन सब पता होने के बावजूद भी की लिस्ट में फ़र्ज़ी नाम हैं फिर भी निगम इस पर ऐडा हुआ है तो बात यह उठ रही है की शायद यह लोकल नेताओं के दवाब की वजह से अड़े हुए हैं।

कारण यह है कि पुरा शहर एैसी बातें सुनता है और अखबारों में भी पढ़ता है कि यह एक बहुत बड़ा पैसों का रैगुलर खेल है।और यह सालों से सुनते आ रहे हैं।
इतना ही नहीं बल्कि अब तो एक किसी ठेकेदार कम्पनी को भी एन्गेज कर लिया तो यह भी एक और पैसों का बहुत बड़ा खेल लगता है जो पंचकूला के लोगों को शायद अभी समझ नहीं आया और आने वाले समय मे सब कुछ समझ आ जाए।

इसमे हर रेहड़ी फड़ी वाले से यह ठेकेदार मासिक 2000 रुपये वसूल करेगा । और लिस्ट के मुताबिक शहर में 4000 रेहड़ी वाले हैं तोह इस हिसाब से ठेकेदार हर महीने 80,000,00 रु तक कि राशि इक्ठा करेगा। तोह अब सवाल यह उठता है कि नगर निगम को कितना पैसा मिलेगा और दूसरा सवाल यह है कि आखिर ठेकेदार को रखा क्यों गया क्योंकि ठेकेदार का तोह कोई काम ही नही इब सब कुछ देना ही नगर निगम ने है ज़मीन, पानी, टॉयलेट, साफ सफाई व अनय यह सब नगर निगम की ही ज़िम्मेदारी है और एक फड़ी वाला इससे ज़्यादा कुछ और मिलने की अपेक्षा नही करता

पंचकूला विकास मंच का कहना है कि ठेकेदार को रखना एक ऐसा निर्णय है जिसके कोई मतलब नही बनता