ममता के मंत्री पर सीपीआई ने किया हमला एक रिपोर्ट

कोलल्कतता/चंडीगढ़:

पश्चिम बंगाल सरकार में डिप्टी लेबर मंत्री जाकिर हुसैन और कुछ अन्य लोगों पर बुधवार देर रात मुर्शिदाबाद जिले के निमतिता रेलवे स्टेशन में पर जानलेवा हमला हुआ। हमले में मंत्री और कुछ अन्य लोग बुरी तरह घायल हुए हैं। घटना की जाँच कर रहे रेल मंत्रालय के लोगों का कहना है कि इस धमाके के पीछे की वजह तृणमूल कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं की आपसी कलह है।

बता दें, जाकिर हुसैन कोलकाता जाने के लिए यहाँ पहुँचे थे। जब वह अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, तभी अज्ञात हमलवारों ने मंत्री पर बम से हमला कर दिया। इस बम ब्लास्ट में हुसैन सहित पार्टी के लगभग 22 कैडर घायल हुए हैं।

घटना में हुसैन का पैर गंभीर रूप से घायल हो गया है। बेहतर इलाज के लिए उन्हें कोलकाता के एक अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है, जहाँ डॉक्टर गंभीरता से उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए हैं।

सोशल मीडिया पर घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मंत्री अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ स्टेशन की ओर जा रहे थे कि तभी पीछे से अचानक धमाका होता है और चिल्लाने की आवाजें आती हैं।

जाँच कर रहे अधिकारियों ने टीएमसी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की ओर इशारा करते हुए इस धमाके में आतंकवाद के एंगल को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने CPI के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया था, जिन्होंने पिछले सप्ताह एक प्रदर्शन किया था। पुलिस की लाठीचार्ज से प्रदर्शनकारियों में से एक की मौत हो गई थी, जिससे इलाके में तनाव पैदा हो गया था। वहीं इस घटना को लेकर CPI ने आज 11 बजे रेल रोको प्रदर्शन का आयोजन भी किया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, जाकिर हुसैन ने 2017 में दो टीएमसी सदस्यों के खिलाफ पुलिस शिकायत भी दर्ज की थी, जो उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे थे।

रेलवे ने मामले को लेकर आगे कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को और कड़ा करना चाहिए। यह अराजकता ट्रेन संचालन को भी बाधित कर सकती है और परिणामस्वरूप आम जनता को असुविधा हो सकती है।

गौरतलब है कि यह धमाका ऐसे समय में हुआ है जब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ जोरों शोरों पर है। घटना को लेकर राज्य भाजपा अध्यक्ष ने कहा, “यह घटना इस बात का प्रमाण है कि राज्य में कानून व्यवस्था नहीं है। यहाँ तक ​​कि मंत्री भी सुरक्षित नहीं हैं।”

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