आज देश द्रोह के खुलासे के पश्चात संभावित गिरफ्तारियों के भय से कथित किसान छिटकते जा रहे हैं। कम से कम गाजीपुर बार्डर पर खाली कनातों को देख कर यही जान पड़ता है । मौजूदा गिरफ्तारियों को देख कर किसी और देश द्रोही षड्यंत्र कि संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
किसान आंदोलन को 12 हफ्ते पूरे हो चुके हैं, पंजाब के किसानों और हरियाणा के आढ़तियों द्वारा कृषि स्धार क़ानूनों। के नाम पर देश को जाम करने कि साजिश रची गयी। लाल किले पर आक्रमण कर तिरंगे ।को हटा कर खलिस्तान से मिलते जुलते झंडे को लहराया गया।
अब जब एक के बाद एक आतंकवादी/ खालिस्तानी संपर्क सूत्र मिलने शुरू हुए तो विपक्ष ने खूब हो हल्ला मचा कर इस आंदोलन को पुनर्जीवित किया।