राष्ट्र विरोधी किसी का भी ब्यान क्यों न हो कॉंग्रेस उसके स्मैथन में खड़ी दीखती है। विदेशी कलाकारों , खिलाड़ियों के भारत के आंतरिक मामलों में आए द्र्भाग्यपूर्ण विवादों के पश्चात ही से कॉंग्रेस उन बयानों के पाक्स में होकर मौजूदा सरकार को घेरने को लेकर अतिऊत्साहित है। इनहि कलारों खिलाड़ियों को जिनको शायद भारत कि राजधानी अथवा यहाँ के राष्ट्रपति का नाम तक न पता हो वह हमारे आंतरिक मामलों में ब्यान दे देते है , जब सचिन ने उन हिलाड़ियों को अपने दायरे में रहने कि नसीहत दी तो कॉंग्रेस को यह बात नागवार गुज़री। कॉंग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं ने उनके पटलों पर कालिख पोतनी शुरू आर दी।
क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के पक्ष-विपक्ष में बिहार की राजनीतिक पिच पर बयानों के चौके-छक्कों की बरसात हो रही है। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सचिन को भारत रत्न (Bharat Ratna) की उपाधि देने को इस सम्मान और देश का अपमान बताया तो भाजपा नेता व राज्य सभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने भारत रत्न पर राजनीति करने के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी है।
दिल्ली/पटना:
दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे कथित किसान आंदोलन के नाम पर विदेशी प्रोपेगेंडा को हवा मिलने के बाद भारत की कई नामी हस्तियों ने विदेशी हस्तक्षेप के ख़िलाफ़ होकर देश के साथ एकजुटता दिखाई। बुधवार को इसी लिस्ट में एक नाम क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर का जुड़ा। सचिन ने भी फर्जी प्रोपेगेंडा के ख़िलाफ़ आवाज बुलंद की थी।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता। बाहरी ताकत दर्शक हो सकते हैं, लेकिन भागीदार नहीं। भारतीय नागरिक भारत के बारे में जानते हैं। हम एक राष्ट्र के तौर पर एकजुट रहें।”
अब बाहरी ताकतों के ख़िलाफ़ सचिन के आवाज उठाते ही कुछ लोगों में हलचल मच गई। सोशल मीडिया पर केरल वाले यूजर्स का एक धड़ा तो खुलकर न केवल सचिन का विरोध करने लगा, बल्कि देश के साथ खड़े होने के लिए उनका अपमान भी किया जाने लगा।
केरल के कोच्चि में शुक्रवार (5 फरवरी 2021) को युवा कॉन्ग्रेस के सदस्यों ने विरोध जताते हुए सचिन तेंदुलकर के कट आउट पर कालिख पोत दी। इसके बाद जमकर नारेबाजी की।
इस बीच कई यूजर्स ने रूस की टेनिस खिलाड़ी मारिया शारापोवा से माफी माँगनी शुरू कर दी है, जिसने एक दफा ये कहा था कि वह सचिन तेंदुलकर को नहीं जानती। शारपोवा ने 7 साल पहले एक प्रश्न के जवाब में अपनी बात कही थी, जब उनसे उनके मैच के दौरान सचिन की उपस्थिति पर पूछा गया था।
इस घटना के बाद वर्चुअल स्पेस पर कई लोगों ने मारिया शारापोवा को उलटा सीधा बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। लोगों ने पूछा था कि आखिर सदी से महान क्रिकेटर को कैसे वह जानने से इनकार कर सकती हैं। दिलचस्प बात यह थी कि ये धड़ा केरल से ही था।
अब यही वजह है कि मात्र सचिन के देश के साथ खड़े भर हो जाने से यही केरल वाले अपनी गलती का पश्चताप कर रहे हैं। तेंदुलकर पर नाराजगी दिखाने के लिए इन्होंने शारापोवा से माफी माँगी है। हैरानी की बात यह है कि भारत के तमाम मीडिया हाउसों ने ऐसी हरकत की निंदा करने की बजाय अप्रत्यक्ष रूप से उनको सराहते हुए अपनी रिपोर्ट पब्लिश की है।
नीचे कुछ रिपोर्ट के शीर्षक उदाहरण के साथ हैं।
भारत में हो रही घटनाओं के बीच मारिया शारापोवा पर केरल के सोशल मीडिया यूजर्स के ऐसे पोस्ट साफ तौर पर बताते हैं कि ये सब भारत के खेल जगत दिग्गजों को निशाना बनाने के लिए चलाया जा रहा अभियान है, खासकर सचिन को, क्योंकि उन्होंने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया।
पूरा पैटर्न देखें तो ये सोशल मीडिया यूजर्स ज्यादा से ज्यादा शारापोवा की टाइमलाइन पर जाकर सचिन की छवि मटियामेट करने में लगे हैं। खास बात यह है कि इनमें कुछ कॉमरेड हैं, कुछ कॉन्ग्रेस समर्थक और कई केरल के इस्लामी ट्रोल हैं।
यहाँ कुछ सोशल मीडिया अकाउंट हैं, जिन्होंने शारापोवा से गिड़गिड़ा कर माफी माँगी।
कॉमरेड
केरल में वामपंथी पार्टियों में से एक दल लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के समर्थक सचिन तेंदुलकर पर निशाना साधने वाले पहले थे। हमने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि इस सूची में कई और नाम हैं।