Wednesday, December 25

आमतौर पर सोशल मीडिया पर देश विरोधी पोस्ट करने पर आईटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है, लेकिन उत्तराखंड पुलिस की यह अपने आप में एक अनूठी पहल है। जिसका सीधा संदेश है कि अगर देश के खिलाफ कोई सोशल मीडिया पर कुछ लिखता है तो उसको यह बहुत भारी पड़ेगा।

देहारादून/चंडीगढ़: DF स्टाफ:

उत्तराखंड पुलिस ने सोशल मीडिया पर देशविरोधी और भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर नकेल कसने की पूरी तैयारी कर ली है। डीजीपी अशोक कुमार ने चेतावनी दी है कि अगर सोशल मीडिया पर कोई देशविरोधी या भड़काऊ सामग्री पोस्ट कर हालात बिगाड़ने का प्रयास करते हैं, तो इसका परिणाम उन्हें अपना पासपोर्ट और हथियार लाइसेंस बनवाते वक्त भुगताना होगा। यहीं नहीं, नौकरी के आवेदन के समय भी सोशल मीडिया पोस्ट को अब सुरक्षा के मद्देनजर आधार बनाया जाएगा।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने ट्वीट कर यह जानकारी दी हैं। उन्होंने बताया, “सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी एवं असामाजिक पोस्ट करने वाले व्यक्तियों का रिकार्ड रखा जाएगा और भविष्य में उनके द्वारा पासपोर्ट एवं आर्म्स लाइसेंस के अनुरोध करने पर सत्यापन कार्यवाही में इसका उल्लेख भी किया जाएगा।”

उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि पासपोर्ट आवेदन और शस्त्र लाइसेंस में सत्यापन के समय उक्त व्यक्ति के वेरिफिकेशन के लिए उसके सोशल मीडिया को भी खंगाला जाएगा। इसके रिकॉर्ड को रिपोर्ट के तौर पर आगे की जाँच के लिए बढ़ाया जाएगा। सत्यता पाए जाने पर आवेदन निरस्त भी किया जा सकता है। वहीं पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस के अलावा अब नौकरी के आवेदन के समय भी इसी प्रकार की जाँच पड़ताल की जाएगी। ताकि युक्त साइबर अपराधों पर रोक लगाई जा सके।

गौरतलब है कि देहरादून में पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक सम्मेलन के दौरान डीजीपी कुमार ने बताया, “अब तक, किसी भी व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया पर कोई भी राष्ट्र-विरोधी पोस्ट डालने के मामलों में, पुलिस पहले उसकी काउंसलिंग करती थी, उसे भविष्य में इसे न दोहराने के लिए कहती थी। वहीं गंभीर मामला सामने आने के दौरान ही केवल मामला दर्ज किया जाता था।”

डीजीपी ने कहा, “लेकिन अब से, पुलिस आरोपित व्यक्ति के सोशल मीडिया व्यवहार की जाँच करेगी कि क्या उसे ऐसी राष्ट्र विरोधी पोस्ट डालने की आदत है। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि उसकी सोशल मीडिया पर किस तरह की गतिविधियाँ रहती थी। यदि राष्ट्र विरोधी रहीं तो उसके खिलाफ निगेटिव रिपोर्ट लगाकर आवेदन रद्द कराने की संस्तुति की जा सकती है।

इस मामले को लेकर एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा, “यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि राज्य में सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी पोस्ट डालने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम ऐसे पोस्ट और लोगों को ट्रैक करने के लिए उनपर कड़ी निगरानी रख रही है क्योंकि यह कानून के लिए एक स्पष्ट खतरा है।”

पुलिस ने यह भी कहा कि, “ड्रग्स माफियाओं एवं साइबर क्राइम के अपराधियों के विरूद्ध गैंगस्टर के अन्तर्गत कार्रवाई एवं उनकी अवैध रूप से सम्पत्ति को जब्त किया जाएगा।”

मुख्यमंत्री के सलाहकार ने की पुलिस की तारीफ
मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार आलोक भट्ट ने भी उत्तराखंड पुलिस की इस पहल की पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘उत्तराखंड पुलिस शस्त्र लाइसेंस जारी करने में एक उदाहरण पेश कर रही है। जो लोग सोशल मीडिया पर ऐंटी नैशनल पोस्ट डालते हैं उन्हें किसी भी तरह का लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा।’