4 महीने बाद ही जम्मू कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस ने गुपकार गठबंधन से अपना नाता तोड़ा

लोन ने कहा कि उनका मानना है कि।. लोन ने पत्र में कहा, ‘‘ गुपकर गठबंधन के पक्ष और विपक्ष में हुए चुनिंदा मतदान का नतीजा बहुत खराब मत प्रतिशत रहा। यह वह मत प्रतिशत नहीं है जो जम्मू-कश्मीर की जनता पांच अगस्त के बाद हकदार थी।’’

श्रीनगर:

जम्मू कश्मीर में 370 की बहाली को लेकर प्रमुख विपक्षी पार्टियों को लेकर बने गुपकार गठबंधन में 4 महीने के भीतर ही फूट पड़ने लगी है। सिर्फ एक चुनाव मिलकर साथ लड़ने के बाद ही जम्मू कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस ने गुपकार गठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया है। पीपल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने गठबंधन के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला को पत्र लिखकर कहा है कि वह गठबंधन से रिश्ता तोड़ रहे हैं।

पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेयरेशन (PAGD), जिसे गुपकार गठबंधन कहा जाता है, का गठन बीते साल अक्टूबर में गुपकार घोषणा के साथ हुआ था। इसके तहत सभी दलों ने 370 की बहाली के लिए एक साथ होने की हुंकार भरी थी। इसके बाद राज्य के जिला विकास परिषद (DDC) के लिए सबने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा।

लोन के इस फैसले के बाद बीजेपी ने गठबंधन पर निशाना साधा है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा कि गुपकार गठबंधन में टूट शुरू हो चुका है।

नाव में साथ न देने का आरोप

अब यही जिला परिषद का चुनाव गुपकार गठबंधन में फूट की वजह बना है। जम्मू कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन के गठबंधन से अलग होने की पीछे डीडीसी चुनाव में हुआ घटनाक्रम ही प्रमुख है। लोन ने गठबंधन पर चुनाव के दौरान उनकी पार्टी के प्रत्याशियों को मदद न करने का आरोप लगाया है।

PAGD के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला को लिखे एक पत्र में लोन ने लिखा है कि पिछले दिनों उनकी पार्टी नेताओं के साथ बैठक हुई जिसमें डीडीसी चुनाव के दौरान पीपल्स कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवारों को अकेला छोड़ दिए जाने को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने लिखा कि अधिकांश जगहों पर जहां उनकी पार्टी के उम्मीदवार खड़े थे वहां गठबंधन में शामिल दूसरी पार्टियों ने उन्हें लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया। इस दौरान दूसरी पार्टियां या तो चुप रहीं या फिर उन्होंने बिना नाम के अपने समर्थन से उम्मीदवार उतार दिए।

उन्होंने आगे लिखा कि डीडीसी चुनाव का वैसे तो बहुत महत्व नहीं है लेकिन ये 5 अगस्त के बाद (370 खत्म किए जाने का दिन) के बाद पहला चुनाव था। इसलिए जरूरी था कि इसमें सभी प्रमुख दलों को अपनी एकजुटता दिखानी थी और इससे एक बड़ा राजनीतिक संदेश देना था।

गठबंधन से अलग हो रहे हैं उद्येश्यों से नहीं

उन्होंने लिखा कि पार्टी में कार्यकर्ता हमारी तरफ देख रहा है कि अगर हम डीडीसी चुनाव में गुपकार गठबंधन पर भरोसा नहीं कर सकते हैं तो आने वाले बड़े मुद्दों पर कैसे हो पाएगा।.. सभी पार्टियों को इसके लिए अपने हितों का बलिदान करना होगा लेकिन कोई करने को तैयार नहीं है।

गठबंधन खत्म करने की बात करते हुए लोन ने लिखा ‘हम इस गठबंधन से रिश्ता तोड़ रहे हैं लेकिन इसके उद्येश्यों से अलग नहीं हो रहे हैं। हम उन उद्येश्यों का पीछा करते रहेंगे जो इस गठबंधन की स्थापना के समय निर्धारित किए गए थे।’

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