मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में 4815 गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ की जांच हुई: आशा त्रिपाठी
राहुल भारद्वाज सहारनपुर:
- मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में 4815 गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ की जांच हुई, आशा त्रिपाठी।
- 15,115 बच्चे मैम श्रेणी में चिन्हित।
स्वास्थ्य और खुशहाली लाने के लिए प्रत्येक रविवार को ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में गर्भावस्था के दौरान की समस्त जांचें, बच्चों के टीकाकरण, निमोनिया और पोषण के निदान सहित मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, टीबी, डायबिटीज, अंधता, काला जार, हृदय रोग, दिमागी बुखार सहित अन्य जानलेवा बीमारियों की जांच और उपचार होगा। मेले में आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाये जाएंगे और वितरण भी होगा। जनपद में 10 जनवरी से आयोजित मुख्यमंत्री जन आरोग्य स्वास्थ्य मेले में कुल 155 बच्चों का चिन्हिकरण सेम श्रेणी में और 15115 बच्चों का चिन्हिकरण मैम श्रेणी में किया गया। अब तक 4815 गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच हुई और 2115 किशोरी बालिकाओं को आयरन फोलिक एसिड की गोलियां और कीड़े की दवाइयां दी गई। इन मेलों में 213 किशोरी बालिकाओं के रक्त का परीक्षण भी किया गया है।
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेलों के भ्रमण के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व उप केन्द्रों का भ्रमण कर ग्रामीण महिलाओं को जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि इन मेंलों में आईसीडीएस विभाग की मुख्य भूमिका है और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय कर मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी आंगनवाडी कार्यकत्रियों को निर्देश दिए गये है कि अपने क्षेत्र के सभी लाभार्थी बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाकर उन बच्चों का समुचित प्रबंधन किया जाए तथा सभी बच्चों का वनज कराया जाना भी सुनिशिचत किया जाए। उन्होंने कहा कि यह भी निर्देश दिए गए है कि किशोरी बालिकाओं को स्वास्थ्य सुविधा रक्त की जांच कराई जाए तथा स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराना तथा उनकी काउंसलिंग किया जाना कार्य भी किया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले के आयोजन में जेड श्रेणी के बच्चे हैं इसमें अति गंभीर कुपोषित बच्चों का चयन कर उनका पोषण पुनर्वास केंद्र पर संदर्भित कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुपोषण प्रबंधन की दिशा में यह कार्य एक महत्वपूर्ण कार्य है जिससे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई जा रही है और प्रत्येक बच्चे और लाभार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाना संभव हो पा रहा है।
आशा त्रिपाठी ने बताया कि भ्रमण के समय प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी सविता तेजाराम बलिया खेड़ी भी उपस्थित रहे। स्वास्थ केन्द्रों पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। इस अवसर पर सब्दलपुर और बितीया में आईसीडीएस विभाग द्वारा अपना स्टॉल लगाया गया था कार्यकत्रियों द्वारा गांव ग्रामीण अंचलों से लाभार्थियों को अपने साथ लेकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा था।Attachments area
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