पंजाब पुलिस पर मुख्तार अंसारी को संरक्षण देने का आरोप
पंजाब पुलिस के इस रवैये को लेकर उन पर सवाल भी उठने लगे हैं। मामले को लेकर राजनीति भी तेज होने लगी है। बीजेपी और कांग्रेस के आरोप-प्रत्यारोप के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी एके जैन ने भी मुख्तार अन्सारी को संरक्षण देने का आरोप पंजाब पुलिस पर लगाया है। उन्होंने रविवार को कहा कि अंसारी को पंजाब में संरक्षण दिया जा रहा है। रोपड़ जेल प्रशासन किसी राजनेता के दबाव में आकर मुख्तार अंसारी को बचाने में लगा है। उन्होंने मांग की कि रोपड़ जेल के अधिकरियों के खिलाफ कारवाई होनी चाहिए। सूत्रों की मानें तो अंसारी का परिवार भी राजनैतिक संरक्षण में पंजाब के रोपड़ जिले ही में कहीं छिपा हुआ है।
पूर्व विधायक स्व. कृष्णानंद राय की पत्नी और विधायक अलका राय ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा-‘मैं प्रियंका गांधी से निवेदन कर रही हूं कि ऐसा खूंखार अपराधियों को बचाने की कोशिश न की जाए। उनको वहां से भेजा जाए, ताकि न्यायालय में लंबित मुकदमे में न्याय मिल सके। वह भी महिला हैं और मैं भी महिला हूं, मुझे आशा है कि वह हमारी भावनाओं को समझेंगीं।’ प्रदेश के पूर्व डीजीपी एके जैन ने भी पंजाब की जेल के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पंजाब में मुख्तार के पीछे कोई बड़ा राजनीतिक संरक्षण है, जिस कारण उसे बचाया जा रहा है। यूपी पुलिस की ओर से माफिया के खिलाफ जो अभियान चलाया जा रहा है, उससे डरकर मुख्तार वहां से नहीं आना चाहता है। इसी वजह से कोर्ट की ओर से जारी आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है।
मुख्य बातें:
- मुख्तार अंसारी को लाने पंजाब पहुंची गाजीपुर पुलिस फिर खाली हाथ वापस लौटी
- स्वास्थ्य कारणों से पंजाब पुलिस ने गाजीपुर पुलिस को मुख्तार को सौंपने से किया इनकार
- रोपड़ पुलिस अधीक्षक ने सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर अदालत में जवाब देने को कहा
चंडीगढ़/लखनऊ:
पंजाब की रोपड़ जेल में बंद माफिया विधायक मुख्तार अंसारी को लेने गई यूपी पुलिस को जेल अधीक्षक ने सौंपने से इनकार कर दिया। रोपड़ जेल अधीक्षक ने सुप्रीम कोर्ट के नोटिस को भी नहीं माना। जेल अधीक्षक ने जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने की बात कहकर यूपी पुलिस को खाली हाथ वापस भेज दिया। इससे गाजीपुर पुलिस को काफी निराश होना पड़ा। पंजाब की जेल में बंद मुख्तार अंसारी को लेने गई यूपी पुलिस को पंजाब पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट का तर्क दिया। उसका कहना है कि मुख्तार की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उसे यूपी नहीं भेजा जा सकता। बीमारी की वजह से विधायक मुख्तार का लंबासफर करना संभव नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का नोटिस लेकर पंजाब गई थी यूपी पुलिस
रंगदारी के मामले में पंजाब के रोपड़ जेल में बंद यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी को लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का नोटिस लेकर यूपी पुलिस पंजाब पहुंची थी। पुलिस ने चंडीगढ़ में सरकार के मुख्य सचिव और रोपड़ जेल के जेल अधीक्षक को नोटिस रिसीव कराई। मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब के रोपड़ जेल से वापस लाने के लिए यूपी पुलिस हर दांव पेंच आजमा रही है। कुछ माह पहले मुहम्मदाबाद कोतवाली में दर्ज फर्जी दस्तावेजों पर असलहे का लाइसेंस लेने के मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए की अदालत में उसकी पेशी होनी थी। आजमगढ़ में दर्ज आपराधिक मामले में मुख्तार को वहां सेशन कोर्ट में पेश किया जाना था। लेकिन पंजाब जेल प्रशासन मुख्तार को यूपी पुलिस के हवाले करने के लिए तैयार नहीं था। हर बार रोपड़ जेल प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला देकर मुख्तार को देने से मना करता रहा। मेडिकल रिपोर्ट लगाने से आजिज होकर यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रोपड़ जेल अधीक्षक को 18 दिसंबर को एक नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट का नोटिस लेकर रोहड़ जेल में बंद मुख्तार को लेने के लिए यूपी पुलिस पंजाब गई थी।
बांदो से पंजाब की रोपड़ जेल में शिफ्ट किया गया था मुख्तार
लोकसभा चुनाव से पहले माफिया मुख्तार अंसारी को बांदा से पंजाब की रोपड़ जेल में शिफ्ट किया गया था। उसे पंजाब में दर्ज रंगदारी के एक मामले में रोपड़ जेल लाया गया था। इसके बाद कोर्ट में विचाराधीन मामलों में पेशी के लिए गाजीपुर और आजमगढ़ की पुलिस कई बार रोपड़ जेल गई, लेकिन हर बार जेल प्रशासन ने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देकर पुलिस को खाली हाथ वापस भेज दिया।
मुख्तार अंसारी को यूपी वापस लाने पर छिड़ा सियासी संग्राम
पंजाब के रोपड़ जिले की जेल में निरुद्ध माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को यूपी वापस लाने की कोशिशें भले ही कानूनी पेंचीदगियों में फंसी हों लेकिन इस पर सियासी संग्राम भी शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेता कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर माफिया का साथ देने का आरोप लगा रहे हैं। पंजाब में कांग्रेस की सरकार होने के कारण पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को भी कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। यूपी के विभिन्न जिलों में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से कई के कोर्ट में ट्रायल चल रहे हैं। कोर्ट में पेशी के लिए मुख्तार को वापस लाने की कोशिश असफल हो जाने पर मामला सियासी रूप ले लेता है। मुख्तार को कोर्ट में पेश करने की नोटिस लेकर पंजाब के रोपड़ जिले में गई यूपी के गाजीपुर पुलिस को एक बार फिर निराश होकर लौटना पड़ा है। इस बार भी पंजाब के रोपड़ जिले की जेल के अधिकारियों ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर मुख्तार को भेजने से इनकार कर दिया।
विपक्ष पर माफिया को बचाने के आरोप
राज्य सरकार के प्रवक्ता कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दशकों से माफियाराज से जूझ रहे प्रदेश को माफिया मुक्त बनाकर तरक्की की राह पर आगे ले जाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। उनके निर्देश पर यूपी पुलिस माफियाओं पर कहर बनकर पर टूट रही है, लेकिन विपक्ष के नेताओं को यह रास नहीं आ रहा है। कोई माफिया मुख्तार अंसारी के बचाव में खड़ा है तो कोई माफिया के घर ढहाए जाने पर उनके समर्थन में बयान दे रहा है। विपक्ष यह भूल गया है कि इन माफियाओं की वजह से प्रदेश में सैकड़ों मांओं की गोदें सूनी हुई हैं, परिवार उजड़ा है और लोगों पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा है।
विधायक अलका राय ने कांग्रेस को घेरा
पूर्व विधायक स्व. कृष्णानंद राय की पत्नी और विधायक अलका राय ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा-‘मैं प्रियंका गांधी से निवेदन कर रही हूं कि ऐसा खूंखार अपराधियों को बचाने की कोशिश न की जाए। उनको वहां से भेजा जाए, ताकि न्यायालय में लंबित मुकदमे में न्याय मिल सके। वह भी महिला हैं और मैं भी महिला हूं, मुझे आशा है कि वह हमारी भावनाओं को समझेंगीं।’ प्रदेश के पूर्व डीजीपी एके जैन ने भी पंजाब की जेल के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पंजाब में मुख्तार के पीछे कोई बड़ा राजनीतिक संरक्षण है, जिस कारण उसे बचाया जा रहा है। यूपी पुलिस की ओर से माफिया के खिलाफ जो अभियान चलाया जा रहा है, उससे डरकर मुख्तार वहां से नहीं आना चाहता है। इसी वजह से कोर्ट की ओर से जारी आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है।
यूपी पुलिस ने माफिया पर कसी नकेल
माफिया मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, विजय मिश्रा, पुलिस अभिरक्षा से फरार ढाई लाख के इनामी बदमाश बदन सिंह बद्दो, कुख्यात बदमाश योगेश भदौड़ा, शराब माफिया रमेश प्रधान, खान मुबारक, सुंदर सिंह भाटी व कुंटु सिंह समेत सैकड़ों माफियाओं पर यूपी पुलिस ने नकेल कस दी है। प्रदेश में गैंगस्टर वादों में धारा 14 के तहत पिछले साल एक जनवरी से 26 दिसंबर तक चिह्नित माफिया, अपराधियों और उनके सहयोगियों की 733 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। इसके अलावा माफिया के तमाम अवैध इमारतों को ध्वस्त कराया गया है, ताकि इनकी कमर तोड़ी जा सके।
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