कृषि क़ानूनों की वापसी से कम कुछ भी नहीं: पूर्व सांसद व पोलित ब्यूरो सदस्य हन्नान मोल्ला ; सर्वोच्च न्यायालय ले फैसला: सरकार
नए कृषि कानूनों का विरोध के बीच किसानों और सरकार के बीच शुक्रवार को आठवीं बार बात हुई. हालांकि, पिछली 7 मुलाकातों की तरह यह चर्चा भी बेनतीजा रही. हालांकि, इस बैठक को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हल निकलने की उम्मीद जताई थी. सरकार आगामी 15 जनवरी को किसानों की मांगों को लेकर संगठनों के साथ एक बार फिर बैठक करेगी.विज्ञान भवन में आयोजित इस बैठक में 40 किसान संगठनों के अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश मौजूद थे. खास बात है कि इससे पहले सरकार और किसानों के बीच हो चुकी 7 बार की बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला है. हालांकि, 30 दिसंबर को हुई मुलाकात में पराली जलाने और विद्युत सब्सिडी को लेकर दोनों पक्षों में सहमति बनी थी.
- सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई बैठक
- आज की बैठक में भी नहीं निकला कोई हल
- अब 15 जनवरी को होगी अगली वार्ता
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों और सरकार के बीच आज शुक्रवार को एक और दौर की बातचीत हुई. आज की बैठक भी बेनतीजा रही. सरकार और किसान अपने-अपने रुख पर अड़े हैं. सरकार ने आज की बैठक में साफ कर दिया कि वो कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी. वहीं किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं.
सरकार और किसान नेताओं के बीच 15 जनवरी को अगली बैठक होगी. सूत्रों के मुताबिक, आज की बैठक में सरकार ने किसानों से कहा कि अब फैसला सुप्रीम कोर्ट करे तो बेहतर है. सरकार और किसानों के बीच अब तक कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रही. रास्ता न निकलते देख सरकार ने किसानों से ये बात कही.
बैठक के बाद किसान नेता, पूर्व सांसद व पोलित ब्यूरो सदस्य हन्नान मोल्ला ने कहा कि हम कानून वापसी के अलावा कुछ और नहीं चाहते. हम कोर्ट नहीं जाएंगे. कानून वापस होने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी. वहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं. हमारे लोकतंत्र में राज्य सभा और लोकसभा से कोई कानून पास होता तो उसका विश्लेषण करने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट का है. सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर सुनवाई भी हो रही है.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज की बैठक में कृषि कानूनों पर चर्चा हुई लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका. सरकार ने आग्रह किया कि यदि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प दें तो हम इस पर विचार करेंगे, लेकिन कोई विकल्प प्रस्तुत नहीं किया जा सका. कृषि मंत्री ने कहा कि आज की बैठक संपन्न हुई और 15 जनवरी को अगली बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया.
उधर, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा. हम 15 जनवरी को बैठक के लिए फिर आएंगे. हम कहीं नहीं जा रहे. राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार संशोधन चाहती है. लेकिन हमारी सिर्फ एक मांग है कि सरकार तीनों कानूनों को वापस ले.
आज की बैठक में क्या हुआ
सरकार के साथ आज की बैठक में किसान नेता बलवंत सिंह ने एक नोट लिखा. सरकार से नाराज दिख रहे बलवंत सिंह ने लिखा कि या मरेंगे या जीतेंगे. वहीं एक बार फिर किसानों ने सरकार का खाना नहीं खाया. बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कानून पूरे देश के लिए है न कि किसी राज्य के लिए. देश के किसान इन कानूनों को खूब समर्थन दे रहे हैं.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान नेताओं को देशहित में आंदोलन को वापस लेना चाहिए. बैठक में सरकार ने ये भी साफ कर दिया कि वो कानून वापस नहीं लेगी. वहीं, किसानो़ं ने कहा कि वो कानून को वापस कराना चाहते हैं. इसके अलावा कुछ मंजूर नहीं.
किसान मजदूर संघर्ष समिति पंजाब के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि आज की बैठक बेनतीजा रही. बैठक में सरकार ने साफ कह दिया है कि वो तीनों कानून वापस नहीं लेगी और किसान नेता यह कह रहे थे कि तीनों कानून वापस लेने पड़ेंगे. सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि हम संशोधन नहीं चाहते हैं. इसी पर मामला अटका रहा. एमएसपी को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई. हम लोगों ने आज लंगर भी नहीं खाया ना चाय पी. मौन व्रत धारण करके बैठे रहे.
वहीं, विज्ञान भवन में बैठक शुरू होने से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की केंद्रीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ करीब 1 घंटे तक बैठक हुई.
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