कॉंग्रेस के 19 में से 11 विधाया एनडीए में शामिल होने को तैयार : भरत सिंह
उत्तराखंड में इन्दिरा हृदयेश के ब्यान ने सियासी खलबली मचा दी थी वहीं अब बिहार से कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक भरत सिंह का कहना है कि इस बार कांग्रेस के टिकट से 19 विधायक जीते हैं। लेकिन इनमें 11 विधायक ऐसे हैं जो भले ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते हों, लेकिन वो कांग्रेस के नहीं है। उन्होंने दावा किया कि इन लोगों ने पैसे देकर टिकट खरीदे और विधायक बन गए.कांग्रेस नेता ने अपने बयान में कहा कि ये सभी वैसे विधायक हैं जिन्होंने चुनाव के समय कांग्रेस का टिकट हासिल कर लिया था, लेकिन पार्टी से उनका कुछ लेना देना नहीं है। कांग्रेस के पूर्व विधायक भरत सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस खुद को एकजुट होने का दावा कर रही है। उनके इस बयान के बाद बिहार में सियासत गरमा गई है।
पटना/नयी दिल्ली:
कॉन्ग्रेस नेता भरत सिंह के दावे ने बिहार का सियासी पारा बढ़ा दिया है। उन्होंने दावा किया कि कॉन्ग्रेस के 19 में से 11 विधायक पार्टी छोड़ने का मन बना चुके हैं। कॉन्ग्रेस नेता भरत सिंह ने इस बात का भी दावा किया कि यह ज्यादातर विधायक वहीं हैं जिन्होंने पैसे के बल पर टिकट हासिल किया था। इसके बाद यह चुनाव जीत गए। भरत सिंह ने साफ-साफ कहा कि पार्टी के 11 विधायक आने वाले दिनों में एनडीए में जा सकते हैं। भरत सिंह ने तो यह भी दावा कर दिया कि कॉन्ग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा भी ऐसे लोगों में शामिल हैं जो पार्टी को तोड़ना चाहते हैं।
सिंह की मानें तो मदन मोहन झा वही रास्ता अपना रहे हैं जो अशोक चौधरी ने अपनाया था। उन्होंने ये भी खुलासा किया कि कॉन्ग्रेस के 11 विधायकों ने पैसे देकर टिकट लिया और जीते। लेकिन अब ये ही 11 विधायक एनडीए में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।
भरत सिंह ने तो यह भी कह दिया जो विधायक पार्टी छोड़ने को तैयार हैं उनका मार्गदर्शक प्रदेश के पार्टी अध्यक्ष मदन मोहन झा, राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और वरिष्ठ कॉन्ग्रेसी नेता सदानंद सिंह है। जेडीयू ने कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि भरत सिंह का यह बयान जाहिर करता है कि कॉन्ग्रेस में भगदड़ की स्थिति बनी हुई है। संभवतः इसी कारण शक्ति सिंह गोहिल ने प्रभारी पद से इस्तीफा भी दिया है।
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बता दें कि एक दिन पहले ही बिहार कॉन्ग्रेस प्रभारी और सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने आलाकमान को अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए बताया था कि वह अपने स्वास्थ्य कारणों के कारण बिहार के प्रभार से मुक्त होना चाहते हैं। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के पद छोड़ने की इच्छा को सहमति दे दी है। गोहिल को बिहार प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त करते हुए भक्त चरण दास को यह दायित्व सौंप दिया गया है।
यही नहीं अपने दावे में भरत सिंह ने आरजेडी से कॉन्ग्रेस को अलग होने की सलाह भी दी है। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव 2020 में खराब प्रदर्शन के बाद बिहार कॉन्ग्रेस में विवाद की स्थिति बनी हुई है। पार्टी नेताओं में आपसी मतभेद की चर्चाएँ लगातार बनी हुई हैं।
वहीं भरत सिंह का बयान सामने आने के बाद बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति छोड़ने वालों का स्वागत है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की राजनीति विचारधारा प्रेरित है, सत्ता प्रेरित नहीं है। हम किसी को तोड़ने-फोड़ने में विश्वास नहीं करते हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “कॉन्ग्रेस पार्टी में टूट की खबर पार्टी के भीतर से ही आ रही है। इससे साबित होता है कि पार्टी में भयंकर असंतोष है और दिल्ली या बिहार के नेतृत्व पर लोगों को अब भरोसा नहीं रह गया है। राहुल गाँधी का मन देश से ज्यादा विदेश में लगता है और कॉन्ग्रेस पार्टी अब एड-हॉक या प्रॉक्सी तरीके से चलाई जा रही है।”
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