365 दिन में लगे 90 रक्तदान शिविर, 7403 ने किया रक्तदान
विश्वास फाऊंडेशन ने कोविड-19 (कोरोना संक्रमण) के चलते समाज के हित में अपने अनुयायिओं के सहयोग से सेवा का बीड़ा उठाया। कई सेवा कार्यों को जिला प्रशासन पंचकूला के माध्यम से अंजाम दिया गया और कई काम सीधे संबंधित संस्थानों व प्रभावित लोगों से संपर्क करके सिरे चढ़ाए गए।
चंडीगढ़ (04 जनवरी 2021):
विश्वास फाऊंडेशन ने कोराना काल अर्थात वर्ष 2020 में 365 दिनों में 90 ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर 7403 यूनिट ब्लड जुटाया। ये कैंप अधिकांशत: पंचकूला में और कुछ चंडीगढ़ व मोहाली में लगाए गए। इन कैंपों में जुटाया गया 7403 यूनिट ब्लड पंचकूला के सिविल अस्पताल, एमडीसी स्थित चैरिटेबल डायग्रोस्टिक अस्पताल, पीजीआई चंडीगढ़ और जरुरत अनुसार अन्य अस्पतालों के ब्लड बैंकों को सीधे दिया गया। इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया, लेकिन डॉक्टरों की माहिर टीमों ने स्क्रीनिंग के दौरान बहुत से लोगों को रक्तदान करने से मना कर दिया। शिविरों में कोरोना महामारी के मद्देनज़र सामाजिक दूरी का पालन किया गया। विश्वास फाउंडेशन की महासचिव साध्वी नीलिमा विश्वास ने कहा की हर स्वस्थ व्यक्ति का नैतिक दायित्व बनता है की वह रक्तदान अवश्य करे और दूसरों को भी रक्तदान करने के लिए प्रेरित करे। रक्तदान से लोगों को एक नया जीवन मिलता है। इसलिए लोग रक्तदान जरूर करें।
विश्वास फाऊंडेशन ने कोरोना काल में लगातार 20 दिन 2500, फूड पैकेट्स (पैक्ड फूड के) जरुरतमंदों तक पहुंचाए गए। इनमें अधिकांश सेवा जिला प्रशासन के निर्देशानुसार मुहैया की गई। बहुत से परिवारों को सीधे भी मदद दी गई। इसके अलावा जिला प्रशासन पंचकूला के माध्यम से 3000 राशन किट्स जरुरतमंदों तक पहुंचाईं। मकसद एक ही रहा कि कोई भी जरुरतमंद परिवार भूखा न रहे।
विश्वास फाऊंडेशन ने कोरोना काल में 10 हज़ार मास्क, 200 पीपीई किट्स, 1000 फेस शील्ड्स भी विभिन्न अस्पतालों में दिए। इसमें से बहुत सा सामान जिला प्रशासन पंचकूला के निर्देशानुसार और बहुत सा सीधे संबंधित अस्पतालों या प्रभावित लोगों तक पहुंचाया गया।
हाल ही में पंचकूला, चंडीगढ़ व मोहाली में पर्यावरण संतुलन के प्रति लोगों को जागरुक करने के मकसद से 2000 पौधे लगाए हैं। ये पौधे विशेष रूप से औषधीय गुणों वाले हैं। इसके अलावा कड़क सर्दी के इन दिनों में 1000 कंबल जरुरतमंदों में बांटे हैं। ये सेवा मुख्य रूप से पंचकूला में दी गई ताकि ठंड के चलते किसी की जान पर न बन आए।
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