सहारनपुर नगर निगम बोर्ड: सभी छह सदस्य निर्विरोध निर्वाचित, पार्षद अभिषेक अरोड़ा लगातार दूसरी बार चुने गए

राहुल भारद्वाज सहारनपुर:

  • निगम बोर्ड ने कार्यकारणी चुनाव में लिखा नया इतिहास।
  • सभी छह सदस्य निर्विरोध निर्वाचित, पार्षद अभिषेक अरोड़ा लगातार दूसरी बार चुने गए।

सहारनपुर नगर निगम बोर्ड कार्यकारणी के लिए चुने जाने वाले सभी छह सदस्य सोमवार को जनमंच में हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक में निर्विरोध चुने गए। माना जा रहा है कि निगम बोर्ड ने कार्यकारणी चुनाव में नया इतिहास लिखा है, चुनाव अधिकारी रवीश चैधरी ने वार्ड 22 से भूरासिंह प्रजापति, वार्ड 20 से श्रीमती कंचन धवन, वार्ड 53 से मनोज जैन, वार्ड 47 से अभिषेक अरोड़ा टिंकू, वार्ड 8 से अनिल कुमार, वार्ड 67 से शहजाद मलिक को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया। पार्षद अभिषेक अरोड़ा को लगातार दोबारा चुना गया है। छह पार्षदों का दो साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद रिक्त हुए छह स्थानों के लिए यह चुनाव किया गया था। जिन पार्षदों का कार्यकाल इस वर्ष समाप्त हुआ है उनमें अभिषेक अरोड़ा, चंद्रजीत सिंह निक्कू, अशोक राजपूत, श्रीमती अंजना शर्मा, चै.शहजाद, मानसिंह जैन शामिल है।

पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मेयर संजीव वालिया की अध्यक्षता में निगम कार्यकारणी बोर्ड की बैठक शुरु हुयी। ग्यारह बजे से साढे़ ग्यारह बजे तक नामांकन पत्र प्राप्त करने का समय था। जिसमें सात पार्षदों भूरासिंह प्रजापति, श्रीमती कंचन धवन, मनोज जैन, अभिषेक अरोड़ा टिंकू, अनिल कुमार, शहजाद मलिक व यशपाल पुंडीर द्वारा नामांकन लिए गए। लेकिन यशपाल पुंडीर द्वारा अपना नामांकन जमा नहीं कराया गया। शेष सभी छह नामांकन जांच में सही पाये गए। किसी भी पार्षद द्वारा अपना नामांकन वापिस नहीं लिया गया। परिणामतः वार्ड 22 से भूरासिंह प्रजापति, वार्ड 20 से श्रीमती कंचन धवन, वार्ड 53 से मनोज जैन, वार्ड 47 से अभिषेक अरोड़ा टिंकू, वार्ड 8 से अनिल कुमार, वार्ड 67 से शहजाद मलिक को निर्वाचन अधिकारी रवीश चैधरी द्वारा निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। बैठक में लगभग सभी पार्षदों ने हिस्सा लिया। निगम कार्यकारणी में कुल 12 सदस्य होते हैं, जिनका कार्यकाल दो वर्ष का होता है। इनमें से हर साल छह सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होकर उनके स्थान पर नये सदस्यों का चुनाव कराया जाता है।

बाद में मेयर संजीव वालिया व नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने सभी नवनिर्वाचित पार्षदों को मिठाई खिलाकर व माल्यार्पण कर उनका अभिनंदन व स्वागत किया। मेयर वालिया ने नवनिर्वाचित पार्षदों के अलावा बोर्ड के सभी पार्षदों को भी बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने गत तीन वर्षो की तरह इस वर्ष भी सर्वसम्मति से कार्यकारणी सदस्यों को चुनने की परंपरा को बनाएं रखकर एक नया इतिहास लिखा है, और परस्पर सद्भाव, सौहार्द व भाईचारे का शानदार उदाहरण पेश किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी बोर्ड बैठकों के संचालन व चुनाव में सभी पार्षदों का सहयोग इसी तरह उन्हें मिलता रहेगा।

नगरायुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने नवनिर्वाचित पार्षदों को बधाई देते हुए कहा कि उनके सहायोग से सहारनपुर विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्हीं के सहयोग से  सहारनपुर नगर निगम ने लाॅक डाउन में पूरे प्रदेश में एक नया इतिहास लिखा है। उन्होंने पार्षदों से आह्वान किया कि वह स्वच्छता अभियान में सहारनपुर को नंबर वन लाने में अपना सहयोग दें। हमारा संकल्प सहारनपुर को नंबर वन लाने का है, जिसे हमें आप सबके सहयोग से पूरा करना है। बोर्ड कार्यवाही का संचालन उप नगरायुक्त दिनेश यादव तथा स्वागत कार्यक्रम का संचालन डाॅ. वीरेन्द्र आज़म ने किया। बैठक में नगर स्वास्थय अधिकारी डाॅ. ए के त्रिपाठी, लेखाधिकारी राजीव कुशवाह, एमएनएलपी बालेन्दु मिश्रा, अधिशासी अभियंता निर्माण आलोक श्रीवास्तव, एकाउंटेट मनोज दीक्षित आदि शामिल रहे।

नयी इबारत लिख गया निगम बोर्ड कार्यकारणी का चुनाव

सहारनपुर। नगर निगम बोर्ड कार्यकारणी का सोमवार को हुआ चुनाव निगमों के इतिहास में एक नयी इबारत लिख गया है। इस चुनाव को कई दृष्टि से ऐतिहासिक माना जा रहा है। प्रदेश के सभी निगमों में सहारनपुर नगर निगम बोर्ड ऐसा पहला निगम बन गया है जहां कार्यकारणी का चुनाव लगातार चार सालों से सर्वसम्मति से संपन्न हो रहा है। जबकि प्रदेश के अनेक निगमों में न केवल कार्यकारणी सदस्यों के लिए चुनाव होते रहे हैं बल्कि जूतम पैजार भी होती रही है। दूसरे निर्विरोध कार्यकारणी का चुनाव होना सहारनपुर की गंगा यमुनी संस्कृति के पोषण और सद्भाव व भाईचारे का भी उदाहरण है। निगम बोर्ड के 70 निर्वाचित सदस्यों में भाजपा के 29, सपा के 4, कांग्रेस से एक, बसपा के 9 तथा निर्दलीय पार्षदों की संख्या 27 है।

महानगर क्षेत्र में शामिल तीन विधायकों, एक सांसद सहित कुल 75 सदस्यों वाले बोर्ड में सभी दलों और वर्ग के पार्षदों का प्रतिनिधित्व होने के बावजूद कभी भी कार्यकारणी सदस्यों का चुनाव नहीं हुआ। बोर्ड बैठकों में मुद्दों को लेकर मतभेद भला हुआ हो लेकिन मनभेद कभी नहीं हुआ। तीसरे, मेयर संजीव वालिया के रुप में एक ऐसा मज़बूत नेतृत्व भी उभरा है जिसने ये साबित किया है कि वे सबको साथ लेकर चलने की क्षमता रखते है और इस कसौटी पर लगातार चार साल से खरे उतर रहे हैं।

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