Thursday, January 16

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शुवेंदु अधिकारी के इस्तीफे के बाद भगदड़ की स्थिति है. यह अलग बात है कि ममता बनर्जी भी राजनीतिक की मंझी खिलाड़ी हैं. ऐसे में एक बेहद नाटकीय घटनाक्रम में ममता बनर्जी के बागी मंत्री शुबेंदु अधिकारी को पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी की तरफ से तगड़ा झटका लगा है. विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारी का इस्तीफा मंजूर करने से इनकार कर दिया है. इसके पीछे उन्होंने जिन तकनीकी कारणों का हवाला दिया है, उन पर तर्क-वितर्क की भरपूर गुंजाइश है. 

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के राइट हैंड माने जाने वाले शुभेंदु अधिकारी के बाद विधायक जितेंद्र तिवारी और अब एक और विधायक शीलभद्र दत्ता ने इस्तीफा दे दिया है. टीएमसी सूत्रों का कहना है कि कुछ और बड़े नेता और विधायक इस्तीफा देने की कतार में हैं. यह सब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो दिवसीय बंगाल दौरे से पहले हो रहा है. खास बात यह है कि टीएमसी कार्यकर्ता बौखलाहट में बागी हुए नेताओं के पोस्टरों-बैनरों पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं.

कोलकत्ता/नयी दिल्ली:

पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर ने शुभेंदु अधिकारी का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है. उन्होंने कहा है कि इस्तीफा सही फॉर्मेट में नहीं है. स्पीकर ने 21 दिसंबर को शुभेंदु अधिकारी को बुलाया है और कहा कि उन्हें खुद आकर इस्तीफा देना होगा.

बता दें कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में मंत्री रहे शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. इससे पहले बुधवार को टीएमसी में अच्छी खासी पकड़ रखने वाले शुभेंदु अधिकारी ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. माना जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी जल्द ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो सकते हैं. 

शुभेंदु अधिकारी बीते कई दिनों से राज्य की मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी से नाराज चल रहे थे. उन्हें कई बार मनाने की कोशिश भी की गई, लेकिन उन्होंने टीएमसी को छोड़ने का मन बना लिया था. टीएमसी में शुभेंदु अधिकारी का कद काफी बड़ा था. दरअसल, पश्चिम बंगाल की 65 विधानसभा सीटों पर अधिकारी परिवार की मजबूत पकड़ है. ये सीटें राज्य के छह जिलों में फैली हैं. 

विरासत में मिली राजनीति 

शुभेंदु अधिकारी के प्रभाव वाली सीटों की संख्या राज्य की कुल 294 सीटों के पांचवें हिस्से से ज्यादा है. शुभेंदु अधिकारी पूर्वी मिदनापुर जिले के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके पिता शिशिर अधिकारी 1982 में कांथी दक्षिण से कांग्रेस के विधायक थे, लेकिन बाद में वे तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक बन गए.

शुभेंदु अधिकारी 2009 से ही कांथी सीट से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं. 2007 में शुभेंदु अधिकारी ने पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम में एक इंडोनेशियाई रासायनिक कंपनी के खिलाफ भूमि-अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन खड़ा किया. इस आंदोलन ने ही 34 साल से सत्ता पर काबिज वाम दलों को सत्ता से बाहर करने में अहम भूमिका निभाई थी.

शुभेंदु अधिकारी के इस्तीफे के बाद टीएमसी विधायक जितेन्द्र तिवारी ने भी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. जितेन्द्र तिवारी फिलहाल पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. ये इस्तीफा ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी के अंदर बढ़ते बगावती तेवरों की तरफ इशारा कर रहा है.