कृषि कानून के खिलाफ किसानों का भारत बंद जारी है। दिल्ली से लेकर बंगाल और यूपी से लेकर कर्नाटक तक भारत बंद का असर दिख रहा है। कई राजनीतिक दल इस बंद के समर्थन में हैं और सड़कों पर उतरे हैं। इसी बीच किसानों के समर्थन में पहुंचे भीम आर्मी के समर्थकों पर पुलिस ने भांजे डंडे।
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
जहाँ सभी राजनीतिक संगठन ‘किसान आंदोलन’ के बहाने अपना उल्लू सीधा करना चाह रहे हैं, वहीं जातिवाद, मजहबी कट्टरता और खालिस्तानी एजेंडे को बढ़ावा देने वाले लोग भी इससे जुड़ते देखे जा रहे हैं। ऐसा ही एक दल है ‘भीम आर्मी’, जो उत्तर प्रदेश में दलितों की राजनीति करने का दावा करता है। बताया जा रहा है कि चंद्रशेखर आजाद उर्फ़ ‘रावण’ की अगुआई वाले इस संगठन के लोगों को गाजियाबाद में किसानों ने मार-मार कर भगा दिया।
एक निजी चैनल की खबर के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मंगलवार (दिसंबर 8, 2020) को आयोजित भारत बंद के दौरान भीम आर्मी के नेता-कार्यकर्ता किसानों के आंदोलन में उन्हें समर्थन देने पहुँचे और उनके साथ विरोध प्रदर्शन के इरादे से बाहर निकले। लेकिन, वहाँ उन्हें किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। यूपी गेट पर किसानों के धरने में पहुँचे भीम आर्मी के नेताओं को किसानों ने भगा दिया।
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किसानों ने आरोप लगाया कि भीम आर्मी के लोग इस आंदोलन को भड़काने की कोशिश में लगे हुए थे, इसीलिए उन्हें इसमें शामिल नहीं होने दिया गया। खबर के अनुसार, किसानों की शिकायत के बाद पुलिस ने भी लाठियाँ चटकाईं और भीम आर्मी के लोगों को किसानों ने खदेड़ दिया। उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही कह चुकी है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान जोर-जबरदस्ती नहीं चलेगी। दुकानों को जबरन बंद नहीं कराया जा सकता है।
वहीं भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने आरोप लगाया है कि विरोध प्रदर्शन में शामिल होने जाते समय उन्हें हिरासत में लेकर नजरबंद कर लिया गया है। उधर दिल्ली में भी सब्जी मंडी के व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानें खोल रखी थीं, लेकिन यहाँ सुबह तक मंडियों को बंद रखने के लिए AAP नेता द्वारा दबाव बनाया जा रहा था। दिल्ली में APMC के अध्यक्ष आदिल अहमद खान हैं। ऐसे में AAP पर कई सवाल उठ रहे हैं।