कोविड -19 के चलते अपशिष्ट प्रबंधन है समय की मांग: डॉ मिश्रा
पंचकूला, नवंबर 28,2020:
गवर्नमेंट स्नातकोत्तर कॉलेज, सेक्टर-1 के वनस्पति विज्ञान विभाग ने कोविड-19 के दौरान बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट पर एक व्याख्यान का आयोजन किया। कॉलेज की प्राचार्या, डॉ अर्चना मिश्रा ने कार्यक्रम का औपचारिक आरंभ किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वेस्ट मैनेजमेंट समय की जरूरत है। बतौर पर्यावरणविद् उन्होंने कोविड -19 के कठोर परिणामों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कोविड की समस्या ने प्रयोग करने के बाद फेंकी जाने वाली पी पी ई किट और वन टाइम यूज प्लास्टिक के कारण होने वाले अपशिष्ट उत्पादन को एक पर्यावरणीय मुद्दे में बदल दिया है।
गवर्नमेंट कॉलेज, गुरुग्राम से डॉ मानसी ने अपने व्याख्यान में खतरनाक और गैर खतरनाक कचरे के बारे में बताया। उन्होंने मुख्य रूप से कोविड समर्पित अस्पतालों, अलगाव केंद्रों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं से उत्पन्न जैव कचरे के बारे में चिंता जताई। डॉ मानसी ने कोविड -19 महामारी के दौरान बायोमेडिकल कचरे को निपटाने की आवश्यकता और कठिनाई पर जोर दिया। उन्होंने खतरनाक चिकित्सा अपशिष्ट के पर्यावरण में फैलने से पहले निवारण पर जोर दिया। उन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अपनाए जाने वाली विभिन्न युक्तियों के बारे में बताया। डॉ मानसी ने विद्यार्थियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के बारे में जागरूक किया और कम से कम मेडिकल वेस्ट का उत्पादन करने के लिए डिस्पोजेबल मेडिकल सामान के उपयोग को कम करने के तरीके भी बताए।
आयोजन के दौरान डॉ नीलम मंडल, डॉ ऋचा सेतिया, डॉ भूपिंदर कौर, डॉ नीरज और विनय कुमार उपस्थित थे। व्याख्यान के दौरान 80 से अधिक छात्रों ने ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया और विषय के संदर्भ में अपने विचार रखे।