पंचांग 21 नवम्बर 2020
आज 21 नवंबर को हिंदू पंचांग के अनुसार शनिवार है. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना जाता है. इस दिन शनिदेव का खास तरह से पूजा करने पर व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते है. वहीं जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है वह भी खत्म हो जाती है. माना जाता है कि शनिदोष से मुक्ति के लिए मूल नक्षत्रयुक्त शनिवार से आरंभ करके सात शनिवार तक शनिदेव की पूजा करने के साथ साथ व्रत रखना चाहिए.
विक्रमी संवत्ः 2077,
शक संवत्ः 1942,
मासः कार्तिक मास,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः सप्तमी रात्रिः 09.49 तक है,
वारः शनिवार,
नक्षत्रः श्रवण प्रातः 09.53 तक,
योगः ध्रवं प्रातः 06.01 तक,
करणः गर,
सूर्य राशिः वृश्चिक,
चंद्र राशिः मकर,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 06.52,
सूर्यास्तः 05.22 बजे।
नोटः आज रात्रि 10.26 से पंचक प्रारम्भ हो रहे है। पंचक काल में तृण, काष्ठ, धातु का संचय व भवन निर्माण और नवीन कार्य तथा यात्रा आदि कर्म वर्जित होते हैं। पंचक काल में शव दाह का भी निषेध होता है।चूंकि शव को इतनी लंबी अवधि हेतु रोकना देश काल परिस्थिति के अनुसार मुश्किल हैं, अतः योग्य वैदिक ब्रह्मण की सलाह लेकर पंच पुतलों का दाह और पंचक नक्षत्रों की शांति विधि पूर्वक करानी चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मृतक व्यक्ति के परिवार व संबंधियों में से ही पाॅच व्यक्तियों के अकालमृत्यु होने की आशंका बनी रहती है।
नोटः आज सूर्य सायन धनु राशि में।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।
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