डॉ॰ मेवालाल चौधरी, बिहार के डेढ़ घंटे के शिक्षा मंत्री
डॉ मेवालाल चौधरी पर भवन निर्माण मामले में भी आरोप लगे हुए हैं। नियुक्ति घोटाले में फरवरी 2017 में IPC 409, 420, 467, 468, 471 और 120B के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया था। इसलिए जब उनके शिक्षामंत्री बनने की बात खबरों में आई तो विपक्ष ने उनके साथ नीतिश सरकार पर भी निशाना साधना शुरू कर दिया। मेवालाल ने 12:30 बजे अपना कार्यभार संभाला और 2 बजे तक इस्तीफा भी दे दिया. उन्होंने कहा कि कोई भी केस तब साबित होता है जब आपके खिलाफ़ कोई चार्जशीट हुई हो या कोर्ट ने कुछ फैसला किया हो. न उनके खिलाफ अभी कोई चार्जशीट हुई है न ही उनके ऊपर कोई आरोप दर्ज़ हुआ है. अपने ऊपर लगे इल्जामों को डॉ मेवालाल ने ख़ारिज करते हुए कहा कि वो तेजस्वी यादव पर 50 करोड़ का मानहानि का केस करेंगे.
- मेवालाल का इस्तीफा, अशोक चौधरी को अतिरिक्त प्रभार
- तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर साधा निशाना
- पहली बार मिली थी कैबिनेट में जगह
पटना (ब्यूरो):
बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. मेवालाल चौधरी पर भ्रष्टचार के आरोप लगे हैं. मेवालाल चौधरी ने गुरुवार को भारी हंगामे के बीच शिक्षा विभाग का पदभार संभाला था. मंत्री पद की शपथ लेने के तीन दिन बाद ही मेवालाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने मेवालाल से इस्तीफा देने को कहा था. राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और प्रदेश सरकार की कैबिनेट में मंत्री अशोक चौधरी को फिलहाल शिक्षा विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. मेवालाल ने 12:30 बजे अपना कार्यभार संभाला और 2 बजे तक इस्तीफा भी दे दिया.
आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) पिछले 2 दिनों से लगातार मेवालाल चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर और उनकी पत्नी की संदिग्ध मौत के मामले में मेवालाल की कथित संलिप्तता को लेकर जांच की मांग कर रही थी.
नहीं लगा था मंत्री के नाम वाला नेम प्लेट
बिहार में विधायक मेवालाल चौधरी के घर उनके मंत्री बनने की खुशियां पल भर ही टिकीं और फिर रास्ता बदल लिया. पदभार ग्रहण करने के कुछ ही देर बाद इस्तीफा देने वाले विधायक मेवालाल चौधरी के घर पर अभी ‘मंत्री’ की नेमप्लेट भी नहीं लगी थी. शुभचिंतकों के लाए हुए लड्डू और गुलदस्ते पड़े हुए हैं, फूल मुरझाए भी नहीं थे और उनकी महक भी नहीं गई थी लेकिन उससे पहले ही उनकी मंत्री की कुर्सी चली गई.
मेवालाल के इस्तीफे को लेकर तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है,उन्होंने लिखा है, ” मा. मुख्यमंत्री जी, जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें। महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। अभी तो 19 लाख नौकरी,संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे। जय बिहार,जय हिन्द.”
क्या है मामला
बता दें कि 2017 में मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए नौकरी में भारी घपले बाजी करने का आरोप है. उनके ऊपर आरोप है कि कुलपति रहते हुए उन्होंने 161 असिस्टेंट प्रोफेसर की गलत तरीके से बहाली की. इस मामले को लेकर उनके ऊपर प्राथमिकी भी दर्ज है.
तत्कालीन बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उस वक्त मेवालाल चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जांच में मेवालाल चौधरी के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया गया था. उन पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में भी घपलेबाजी का आरोप है.
हालांकि इस बारे में बात करते हुए मेवालाल चौधरी ने कहा कि मेरे खिलाफ कोई चार्जशीट दायर नहीं हुई है ना ही मेरे खिलाफ कोर्ट की तरफ से आरोप सिद्ध हुआ है. मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं.
आरजेडी के निशाने पर मेवालाल
आरजेडी मेवालाल पर लगातार निशाना साध रही है. आरजेडी मेवालाल की पत्नी की संदिग्ध मौत के मामले में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर जांच की मांग कर रही है. मेवालाल चौधरी की पत्नी नीता चौधरी 27 मई 2019 को अपने आवास पर बुरी तरह से जल गई थीं. 2 जून 2019 को उनकी मौत हो गई थी.
वहीं मेवालाल चौधरी इस आरोप को लेकर आक्रामक नजर आए थे उन्होंने कहा था कि वह आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ 50 करोड़ का मुकदमा दायर करेंगे. उन्होंने कहा कि ” मेरी पत्नी की मौत के मामले में जिस तरीके से आरोप लगाए जा रहे हैं उसको लेकर मैं तेजस्वी को कानूनी नोटिस भेजूंगा और 50 करोड़ का मानहानि का मुकदमा भी करूंगा.”
बता दें कि जेडीयू कोटे से मंत्री बनने वाले मेवालाल चौधरी को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया था. बिहार की तारापुर विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू के टिकट पर दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. मेवालाल चौधरी 2015 में पहली बार विधायक बने थे जबकि इससे पहले वो शिक्षक रहे हैं.
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