Friday, January 10

12 नवंबर:

भारतीय सेना की खुफिया एजेंसियों द्वारा मेघालय-असम-बांग्लादेश सीमा पर चलाए जा रहे तीव्र और सुनियोजित एक ऑपरेशन के दौरान ख़तरनाक कट्टर उल्फा (आई) कमांडर एस एस कर्नल दृष्टि राजखोवा ने अपने चार साथियों के साथ सेना के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। उसके चारों साथी एस एस कॉर्पोरल वेदांता, यासीन असोम, रूपज्योति असोम और मिथुन असोम हैं। इन सभी के पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए हैं।

यह ऑपरेशन एजेंसियों को प्राप्त पुष्ट जानकारियों पर आधारित था, जो पिछले नौ महीनों की अथक खोज और प्रयासों का परिणाम है।

दृष्टि राजखोवा लंबे समय तक उल्फा विद्रोहियों की वांछित सूची में रहा है और वह असम के निचले हिस्सों में उल्फा गतिविधियों में संलिप्त था। उसका आत्मसमर्पण करना अब इस भूमिगत संगठन के लिए एक बड़ा झटका है और इससे क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में एक नई शुरुआत हुई है। इस सफल ऑपरेशन के द्वारा भारतीय सेना ने फिर से पुष्टि की है कि, वह हर समय इन इलाकों में शांति और सामान्य स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।