उद्धव ठाकरे, बालासाहेब ठाकरे का नालायक बेटा तक : हिमंत बिस्वा सरमा

असम के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा बोले- मैंने सुना था कि मुंबई पुलिस कमिश्नर एक मजबूत अधिकारी थे लेकिन अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करने के लिए उन्हें एके -47 के साथ पुलिस भेजनी पड़ी, इसका मतलब है कि वह पूरे भारत में सबसे कायर अधिकारी हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने अपने दिवंगत पिता, महाराष्ट्र और देश को बदनाम किया है। महाराष्ट्र सरकार को अर्नब गोस्वामी को तुरंत रिहा करना चाहिए और उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। असम के लोग बारीकी से देख रहे हैं। सीएम को लोकतंत्र की आवाज सुननी चाहिए और एक साधारण पत्रकार को परेशान नहीं करना चाहिए। अर्नब ने मुंबई पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून का पालन किया जाता है। हालांंकि अमित शाह और प्रकाश जावेडकर समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।

असम/नयी दिल्ली (ब्यूरो):

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की बुधवार (अक्टूबर 04, 2020) सुबह मुंबई पुलिस द्वारा जबरन गिरफ्तारी करने के बाद, बहुत से लोग उनके समर्थन में आए हैं। वहीं असम के शिक्षा और वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उद्धव सरकार को जमकर लताड़ा है। हिमंत बिस्वा सरमा ने उद्धव ठाकरे को बालासाहेब ठाकरे का नालायक बेटा तक कहा।

सरमा ने कहा कि उद्धव ने राष्ट्र के विश्वास के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बाला साहेब ठाकरे का नालायक बेटा करार दिया और कहा कि ठाकरे ने अपने दिवंगत पिता, महाराष्ट्र और देश को बदनाम किया है।

सरमा ने मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह पूरे भारत में सबसे कायर अधिकारी हैं। उन्होंने कहा- “मैंने सुना था कि मुंबई पुलिस कमिश्नर एक मजबूत अधिकारी थे लेकिन अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करने के लिए उन्हें एके-47 के साथ पुलिस भेजनी पड़ी, इसका मतलब है कि वह पूरे भारत में सबसे कायर अधिकारी हैं।”

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि महाराष्‍ट्र सरकार को फौरन अर्णब गोस्‍वामी को रिहा करना चाहिए और सार्वजनिक रूप से माफी माँगनी चाहिए। असम के लोग उनकी करतूत को बारीकी से देख रहे हैं। सीएम को लोकतंत्र की आवाज सुननी चाहिए और एक साधारण पत्रकार को परेशान नहीं करना चाहिए।

महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए, असम के मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे ‘राजनीति से प्रेरित’ कदम बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की और कहा कि ऐसा लगता है जैसे ‘महाराष्ट्र में आपातकाल के दिन वापस आ गए हैं।’

सनद रहे कि:

गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के संस्थापक अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी की निंदा की थी। उन्होंने कहा कि ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ और अर्णब गोस्वामी के खिलाफ सत्ता की शक्ति का दुरूपयोग करना व्यक्तिगत अधिकारों का हनन है। अमित शाह ने गोस्वामी पर कार्रवाई को लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला करार दिया।

इसी कड़ी में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले पर ‘लेफ्ट-लिबरल’ लोगों की चुप्पी पर सवाल उठाया। उद्धव सरकार की आलोचना करते और कॉन्ग्रेस को घेरते हुए उन्होंने पूछा,”महाराष्ट्र सरकार आपातकाल को वापस लाने की कोशिश कर रही है।”

उन्होंने उल्लेख किया कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में काफी समय से अपशब्द कहे जाते रहे हैं लेकिन बीजेपी ने दूर-दूर तक भी वो नहीं किया जो कॉन्ग्रेस ने किया है।”

वहीं कंगना रनौत ने महाराष्ट्र की सरकार को ‘सोनिया सेना’ करार देते हुए कहा कि उनसे पहले तो कितने ही बलिदानियों के गले काटे गए और उन्हें लटका दिया गया, सिर्फ फ्री स्पीच के लिए। उन्होंने कहा, “एक आवाज़ बंद करेंगे तो कई आवाज़ें उठ जाएँगी। कितनी आवाजों को बंद करेंगे आप?”

कंगना ने पूछा कि आपको कोई पेंगुइन, पप्पू सेना या सोनिया सेना कहता है तो गुस्सा क्यों आता है? उन्होंने कहा कि आप ये सब हो, तभी कोई कहता है। बता दें कि मुंबई पुलिस ने अर्नब गोस्‍वामी को एक इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या से जुड़े दो साल पुराने मामले में गिरफ्तार किया है।

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