आज 31 अक्टूबर को हिंदू पंचांग के अनुसार शनिवार है. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना जाता है. इस दिन शनिदेव का खास तरह से पूजा करने पर व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते है. वहीं जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है वह भी खत्म हो जाती है. माना जाता है कि शनिदोष से मुक्ति के लिए मूल नक्षत्रयुक्त शनिवार से आरंभ करके सात शनिवार तक शनिदेव की पूजा करने के साथ साथ व्रत रखना चाहिए.
विक्रमी संवत्ः 2077,
शक संवत्ः 1942,
मासः द्वितीय (शुद्ध) आश्विनी मास,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः पूर्णिमा रात्रि 08.19 तक है,
वारः शनिवार,
नक्षत्रः अश्विनी सांय 05.58 तक,
योगः सिद्धि रात्रि 04.26 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः तुला,
चंद्र राशिः मेष,
राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,
सूर्योदयः 06.36,
सूर्यास्तः 05.33 बजे।
नोटः आज आश्विनी पूर्णिमा, महर्षि श्रीवाल्मीकि जयन्ती, श्री सत्यनारायण व्रत एवं श्री शुक्र हस्त नक्षत्र में कार्तिक स्नान-नियम प्रारम्भ, वक्री बुध पूर्व में उदय होगा। तथा गण्डमूल सांय 5.58 तक।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।