आज 27 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी का समापन है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त आज सच्चे ह्रदय से भगवान विष्णु की आराधना करेंगे उनके समस्त पापों का नाश होगा. पापांकुशा एकादशी में भक्त भगवान विष्णु के स्वरुप भगवान पद्मनाभ की पूजा अर्चना करेंगे. सनातन धर्म में पड़ने वाली कई एकादशी तिथियों में पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) का काफी महत्व माना जाता है.
विक्रमी संवत्ः 2077,
शक संवत्ः 1942,
मासः द्वितीय (शुद्ध) आश्विनी मास,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः एकादशी प्रातः 10.47 तक है,
वारः मंगलवार,
नक्षत्रः पूर्वाभाद्रपद (की वद्धि है जो कि बुधवार को प्रातः 09.11 तक है),
योगः ध्रुव रात्रि 01.07 तक,
करणः विष्टि,
सूर्य राशिः तुला,
चंद्र राशिः कुम्भ,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 06.33,
सूर्यास्तः 05.36 बजे।
नोटः आज पापांकुशा एकादशी व्रत है।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।