पंचांग 25 अक्टूबर 2020
आज 25 अक्टूबर को हिंदू पंचांग के अनुसार रविवार है. रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित माना जाता है. रविवार सूर्य देवता की पूजा का वार है. जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है. रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं.
विक्रमी संवत्ः 2077,
शक संवत्ः 1942,
मासः द्वितीय (शुद्ध) आश्विनी मास,
पक्षः शुक्ल पक्ष,
तिथिः नवमी प्रातः 07.42 तक है,
वारः रविवार,
नक्षत्रः धनिष्ठा रात्रि 04.23 तक,
योगः अतिगण्ड रात्रि 12.28 तक,
करणः कौलव,
सूर्य राशिः तुला,
चंद्र राशिः मकर,
राहु कालः सायं 4.30 से सायं 6.00 बजे तक,
सूर्योदयः 06.32,
सूर्यास्तः 05.37 बजे।
नोटः आज अपराहन् 03.26 से पंचक प्रारम्भ हो रहे हैं, पंचक काल में तृण, काष्ठ, धातु का संचय व भवन निर्माण और नवीन कार्य तथा यात्रा आदि कर्म वर्जित होते हैं।पंचक काल में शव दाह का भी निषेध होता है।चूंकि शव को इतनी लंबी अवधि हेतु रोकना देश काल परिस्थिति के अनुसार मुश्किल हैं, अतः योग्य वैदिक ब्रह्मण की सलाह लेकर पंच पुतलों का दाह और पंचक नक्षत्रों की शांति विधि पूर्वक करानी चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मृतक व्यक्ति के परिवार व संबंधियों में से ही पाॅच व्यक्तियों के अकालमृत्यु होने की आशंका बनी रहती है।
नोटः आज से ही नवरात्र समाप्त होगे। और नवरात्रा पारणा भी होगा। तथा आज ही विजयादशमी (दशहरा) महानवमी-बलिदान हेतु, अपराजिता पूजन, आयुध/शस्त्रादि पूजन।
विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर रविवार को पान खाकर लाल चंदन, गुड़ और लड्डू का दान देकर यात्रा करें।
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