कॉंग्रेस का हाथ PFI के साथ
सुप्रीम कोर्ट ने कॉन्ग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल द्वारा दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को स्थगित कर दिया है। इस याचिका में केरल के कथित पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई की माँग की गई थी। बता दें कि सिद्दीक कप्पन, उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए चार पीएफआई सदस्यों में से एक है। ये लोग यूपी में हाथरस मामले को लेकर जाति आधारित अशांति और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की योजना बनाई थी।
- अतीकुर्रहमान, आलम, केरल के सिद्दीक कप्पन (जो कि कथित तौर पर पत्रकार है) और मसूद अहमद के पास गिरफ्तारी के दौरान 6 स्मार्टफोन, एक लैपटॉप व ‘जस्टिस फॉर हाथरस’ नाम के पैम्फ़्लिट पाए गए थे और ये लोग शांति भंग करने के लिए हाथरस जा रहे थे।
- राहुल गाँधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में कथित पत्रकार व PFI सदस्य सिद्दीक कप्पन (Siddique Kappan) के परिवार से मिलकर उनकी मदद का आश्वासन दिलाया है।
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
- सांसद : राहुल गांधी
- आरोपी : राहुल गाँधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में कथित पत्रकार व PFI सदस्य सिद्दीक कप्पन
- आरोप : यूपी में हाथरस मामले को लेकर जाति आधारित अशांति और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की योजना बनाई थी
- वकील : राहुल गाँधी की कॉंग्रेस केनेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल
राहुल गाँधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में कथित पत्रकार व PFI सदस्य सिद्दीक कप्पन परिवार से मिलकर उनकी मदद का आश्वासन दिलाया है। केरल के कथित पत्रकार सिद्दीक को हाथरस मामले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश जाते समय टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया था। उस पर PFI से जुड़े होने और जातीय हिंसा फ़ैलाने की कोशिश के आरोप हैं। सिद्दीक कप्पन इस वक्त उत्तर प्रदेश की मथुरा अस्थायी जेल में बंद है।
सूचना के अनुसार, आज कालापेट्टा के रेस्ट हाउस में कप्पन के घरवालों ने राहुल गाँधी से मुलाकात की। इस समय कॉन्ग्रेस पूर्व अध्यक्ष वहाँ दौरे पर गए हुए हैं। परिवार ने इस मुलाकात में राहुल गाँधी से पूरे मामले में हस्तक्षेप की माँग करके पत्रकार की जल्द रिहाई करवाने की गुहार लगाई।
कॉन्ग्रेस सांसद से मुलाकात के बाद कप्पन की पत्नी रेहानथ ने बताया कि राहुल गाँधी उनके पति को रिहा कराने के लिए हर तरह से तैयार हो गए हैं। कथित पत्रकार की पत्नी ने यह भी कहा कि उनके पति को पुलिस ने हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया था और अब वह उनके लिए चिंतित हैं क्योंकि वकील भी उनसे नहीं मिल पा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि हाथरस जाते हुए पिछले दिनों सिद्दीक कप्पन के साथ 3 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। उसके ख़िलाफ़ संगीन अपराध करने की मंशा रखने के शक में सीआरपीसी की धारा 151 के तहत मामला दर्ज हुआ था। बाद में यह केस राजद्रोह और आतंकवाद रोधी कानून के तहत दर्ज कर लिया गया। 7 अक्टूबर को इन चारों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था और अब उनकी हिरासत फिर बढ़ा दी गई है।
ज्ञात हो कि 6 अक्टूबर को हिरासत में लिए गए चारों आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), आईपीसी की 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करने से भावनाओं को अपमानित करने का इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया था। fIR में बताया गया था कि अतीकुर्रहमान, आलम, केरल के सिद्दीकी कप्पन (जो कि कथित तौर पर पत्रकार है) और मसूद अहमद के पास गिरफ्तारी के दौरान 6 स्मार्टफोन, एक लैपटॉप व ‘जस्टिस फॉर हाथरस’ नाम के पैम्फ़्लिट पाए गए थे और ये लोग शांति भंग करने के लिए हाथरस जा रहे थे।
यहाँ बता दें कि राहुल गाँधी द्वारा कप्पन की रिहाई पर हस्तक्षेप की बात सामने आते ही उनपर सवाल उठने लगे हैं। यूपी सीएम के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने लिखा,
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