“कॉंग्रेस ने पिछले 50 सालों में देश के किसानों के लिए क्या किया?” : कटारिया
पंचकूला 12 अक्तूबर:
भारत की संसद द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानून बिलो पर भ्रमक प्रचार फैलाने से पहले श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कुमारी शैलजा एक बार अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि उन्होंने अपनी सत्ता के 50 सालों में किसानों के लिए क्या किया है?
कटारिया ने इन कांग्रेसी नेताओं को याद दिलाया कि अटल बिहारी वाजपेई जी ने अपने 1999 से 2004 के शासनकाल में किसानों की आत्महत्याओं को रोकने के लिए किसानों के हितों में बहुत से कदम उठाए थे उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार ने 2007 में राष्ट्रीय कृषि नीति बनाई थी जिसके अनुसार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को मांगते हुए किसानों की उनकी फसलों का 1.5ः (डोडा) मूल्य दिया जाना था परंतु यूपीए सरकार यह कदम उठाने का हिम्मत नहीं कर सकी और मोदी सरकार ने 2018- 19 में यह कदम उठाकर किसानों की आमदनी को दोगुना करने का कदम उठाया हमने 2014 से 12 वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत किसानों की भलाई के लिए 11 योजनाएं शुरू की और 4ः कृषि विकास दर का लक्ष्य रखा.
कटारिया ने कहा कि कृषि आर्थिक रिसर्च के आधार पर ही कृषि क्षेत्र में बिचैलियों द्वारा फैलाए गए भ्रष्टाचार और किसानों के शोषण को मद्देनजर रखकर ही हम तीन कृषि विधेयक लाए है !
किसानों के साथ कांग्रेस ने बीते 70 सालों में सिर्फ धोखा दिया है जबकि हमारी सरकार लगातार किसानों के हितों के लिए काम कर रही है !
कटारिया ने कहा कि हमारी सरकार वह काम कर रही है जिससे किसानों को सीधा लाभ पहुंचेगा ! किसानों ने कभी भी मेहनत करने में कमी नहीं रखी लेकिन कांग्रेस पार्टी ने कभी किसानों की इज्जत नहीं दी न कभी उसको मान दिया किसानों से सिर्फ वायदे किए गए, और चिंता सिर्फ परिवार के सुख की की गई ! मैं जानना चाहता हूं कि इतने वर्षों तक आपको लागत के सिर्फ 10 प्रतिशत के लाभ तक सीमित क्यों रखा गया ? कांग्रेस ने हमेशा उनके साथ धोखा किया, झूठ बोला ! कांग्रेस ने किसानों को वोटबैंक बनाने के लिए काम किया
कटारिया ने कहा कि कांग्रेसियो ओर उनके सहयोगियों की नींद उड़ी है की जिन 3 कृषि बिलो को वो दबाए हुए थे, वो कृषि बिल इस सरकार ने कैसे पूरे कर दिए ? यही कारण है कि वो अब नई-नई अफवाहें और कुतर्क गढ़ने में जुटे हैं ! ये कितनी भी कोशिश कर ले हमारे इरादे इससे और मजबूत होंगे !
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