Tuesday, February 4

आज 3 अक्टूबर को हिंदू पंचांग के अनुसार शनिवार है. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना जाता है. इस दिन शनिदेव का खास तरह से पूजा करने पर व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते है. वहीं जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है वह भी खत्म हो जाती है. माना जाता है कि शनिदोष से मुक्ति के लिए मूल नक्षत्रयुक्त शनिवार से आरंभ करके सात शनिवार तक शनिदेव की पूजा करने के साथ साथ व्रत रखना चाहिए. 

विक्रमी संवत्ः 2077, 

शक संवत्ः 1942, 

मासः द्वितीय (अधिक) आश्विनी (मल) मास, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः द्वितीया (की वृद्धि है जो कि रविार को प्रातः 07.28 तक है), 

वारः शनिवार, 

नक्षत्रः रेवती (की वृद्धि जो कि शनिवार को प्रातः 08.51 तक है), 

योगः व्यातिपात रात्रि 10.07 तक, 

करणः तैतिल, 

सूर्य राशिः कन्या, 

चंद्र राशिः मीन, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्योदयः 06.19, 

सूर्यास्तः 06.00 बजे।

नोटः आज पंचक समाप्त प्रातः 08.51 में समाप्त होगे। एवं गण्डमूल विचार है।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।