Tuesday, February 4

बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए जिम्मेदार लोगों को दोषी ठहराया जाना चाहिए और आज बीजेपी इस मसले की वजह से ही सत्ता में है। ओवैसी ने कहा, “इस मसले में इंसाफ नहीं हुआ है। सारी दुनिया जानती है कि भाजपा, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना और कॉन्ग्रेस की मौजूदगी में ये हुआ और इनकी जड़ कॉन्ग्रेस पार्टी है। इन्हीं की हुकूमत में राजीव गाँधी ने ताले खुलवाए। मूर्ति रखी गई, शिलान्यास हुआ और इन्हीं की हुकूमत में मस्जिद शहीद हुई।” विशेष अदालत ने सभी दोषियों को बरी कर दिया। विशेष अदालत का निर्णय साफ तौर से उच्चतम न्यायालय के निर्णय के भी प्रतिकूल है। सनद रहे कि कॉंग्रेस सर्वोच्च न्यायालय द्वारा घोषित विवादित ढांचे को आज भी बाबरी मस्जिद कहती है और दूसरी ओर चुनावों में यही कॉंग्रेस दावा करती आ रही है कि राम लला (हिन्दू भक्तों) के लिए ताला इनहोने ही खुलवाया।

नयी दिल्ली(ब्यूरो) – 30 सितंबर:

कांग्रेस ने बाबरी विध्वंस मामले (Babri Demolition Case) में सीबीआई की विशेष अदालत (CBI Special Court) के फैसले को पिछले साल आये उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के निर्णय के प्रतिकूल करार देते हुए बुधवार को कहा कि संविधान (Constitution), सामाजिक सौहार्द (Social Harmony) व भाईचारे (Brotherhood) में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद करता है कि इस “तर्कविहीन निर्णय” के विरुद्ध प्रांतीय व केंद्र सरकार (State and Central Government) उच्च अदालत में अपील दायर करेगी.

कॉंग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, “बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सभी दोषियों को बरी करने का विशेष अदालत का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय व संविधान की परिपाटी से परे है. उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों (Justices) की खंडपीठ के 9 नवंबर, 2019 के निर्णय के मुताबिक बाबरी मस्जिद को गिराया जाना एक गैरकानूनी अपराध था. पर विशेष अदालत ने सभी दोषियों को बरी कर दिया. विशेष अदालत का निर्णय साफ तौर से उच्चतम न्यायालय के निर्णय के भी प्रतिकूल है.”

‘BJP-RSS ने राजनैतिक फायदे के लिए सांप्रदायिक सौहार्द्र तोड़ने का घिनौना षडयंत्र किया था’

सुरजेवाला ने आरोप लगाया, “पूरा देश जानता है कि भाजपा-आरएसएस व उनके नेताओं ने राजनैतिक फायदे के लिए देश व समाज के सांप्रदायिक सौहार्द्र को तोड़ने का एक घिनौना षडयंत्र किया था. उस समय की उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार भी सांप्रदायिक सौहार्द्र भंग करने की इस साजिश में शामिल थी.”

ओवैसी

वहीं ओवैसी ने कहा कि यह न्याय का मामला है। बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए जिम्मेदार लोगों को दोषी ठहराया जाना चाहिए और आज बीजेपी इस मसले की वजह से ही सत्ता में है। ओवैसी ने कहा, “इस मसले में इंसाफ नहीं हुआ है। सारी दुनिया जानती है कि भाजपा, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना और कॉन्ग्रेस की मौजूदगी में ये हुआ और इनकी जड़ कॉन्ग्रेस पार्टी है। इन्हीं की हुकूमत में राजीव गाँधी ने ताले खुलवाए। मूर्ति रखी गई, शिलान्यास हुआ और इन्हीं की हुकूमत में मस्जिद शहीद हुई।”

सुरजेवाला ने कहा, “यहां तक कि उस समय झूठा शपथ पत्र देकर उच्चतम न्यायालय तक को बरगलाया गया. इन सब पहलुओं, तथ्यों व साक्ष्यों को परखने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद को गिराया जाना गैरकानूनी अपराध ठहराया था. ” उन्होंने कहा, “संविधान, सामाजिक सौहार्द्र व भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद व अपेक्षा करता है कि विशेष अदालत के इस तर्कविहीन निर्णय के विरुद्ध प्रांतीय व केंद्रीय सरकार उच्च अदालत में अपील दायर करेगी तथा बगैर किसी पक्षपात या पूर्वाग्रह के देश के संविधान और कानून की अनुपालना करेंगी.”

घटना पूर्व नियोजित नहीं, आकस्मिक थी: अदालत

गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया.