विवादित ढांचा गिरने के मामले में अदालत ने साजिश से किया इनकार सभी आरोपी बरी

बाबरी विध्वंस मामले में आज फैसला आएगा. 6 दिसंबर 1992 को जो कुछ हुआ उस पर सीबीआई की विशेष अदालत फैसला सुनाने जा रही है. देशभर की नज़र होगी और इसलिए भी होगी क्योंकि देश के कई नामी नेता इस मुकदमे में फंसे हैं. पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बीजेपी के सीनियर नेता विनय कटियार समेत कुल 32 आरोपी हैं जिन्हें आज की तारीख का इंतज़ार था. अदालत बताएगी कि बाबरी गिरी थी तो उसे साज़िशन ढहाया गया था या फिर वो कारसेवकों का गुस्सा भर था.सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, महंत नृत्य गोपाल दास और कल्याण सिंह कोर्ट में हाज़िर नहीं हो रहे हैं. उमा भारती कोरोना संक्रमित हैं. महंत नृत्य गोपाल दास औ कल्याण सिंह कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक हुए है.

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

माननीय अदालत ने माना कि घटना पूर्वनियोजित नहीं थी। यह पहले से सोचा समझा नहीं कहा जा सकता, यह स्वत: स्फूर्त था अत: सभी आरोपी बारी कर दिये गए हैं लेकिन पूरा फैसला पढ़ा जाना बाकी है। जो साक्ष्य सीबीआई द्वारा पेश किए गए वह पर्याप्त नहीं थे, इसीलिए आरोपियों को बारी किया जाता है।

बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी कहते हैं कि अब इस मुकदमे को समाप्त कर देना चाहिए. कोर्ट को चाहिए वह सभी को बरी कर दे. उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला मंदिर के हक में आ चुका है. इसीलिए अब इस मुकदमे को खत्म कर देना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर हिंदू-मुस्लिम सौहार्द को खतरा है.

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