पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय बिहार की राजनीति में पहले नौकरशाह नहीं
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मुझे बिहार की जनता बहुत प्यार करती है. मैं कहीं भी चुनाव लड़ना चाहता हूं तो जा सकता हूं और जीत सकता हूं. चुनाव से मेरे वीआरएस को जोड़ना गलत है. अगला गृह मंत्री बनने के सवाल पर गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि भविष्य कौन जानता है. मेरे परिवार अनपढ़ था. मैं पहला आदमी हूं, जो चार पीढ़ियों के बाद स्कूल गया.
- बीजेपी सांसद आरके सिंह मोदी सरकार में मंत्री
- निखिल कुमार से लेकर मीरा कुमार तक सांसद रहीं
- बिहार में अफसर का राजनीति से पुराना संबंध है
पटना(ब्यूरो):
बिहार विधानसभा चुनाव की भले ही औपचारिक घोषणा न हुई हो, लेकिन राजनीतिक पार्टियां सियासी समीकरण बनाने में जुटी हुई हैं. ऐसे में बिहार के पुलिस महानिदेशक रहे गुप्तेश्वर पांडेय ने सियासी पिच पर किस्मत आजमाने के लिए वीआरएस ले लिया है. वो किस पार्टी से और कौन सी सीट से चुनाव लड़ेंगे, इसकी तस्वीर साफ नहीं है. हालांकि, बिहार के राजनीतिक इतिहास में गुप्तेश्वर पांडेय पहले अफसर नहीं है, जिन्होंने चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है.
बता दें कि हाल ही में बिहार के दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अपने पद से इस्तीफा देकर सियासत में अपना भाग्य आजमाने की तैयारी में हैं. इसमें बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ही नहीं बल्कि सुनील कुमार का नाम शामिल है. पूर्व आईपीएस सुनील कुमार ने पुलिस भवन निर्माण निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक पद से सेवानिवृत्त होने के बाद 29 अगस्त को जेडीयू का दामन थामा है. सुनील कुमार के भाई अनिल कुमार कांग्रेस के विधायक हैं. माना जा रहा गोपलगंज से सुनील कुमार चुनावी मैदान में तर सकते हैं.
ये अफसर चुनावी पिच पर उतर चुके हैं
बिहार की राजनीति में अफसरों का आना कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी प्रदेश के कई आला अफसरों ने राजनीतिक दलों का दामन थामा है. निखिल कुमार, मीरा कुमार, यशवंत सिन्हा, रामचंद्र प्रसाद सिंह, बलबीर चंद्र, हीरालाल, केपी रमैया, अनूप श्रीवास्तव, आरके सिंह, एनके सिंह, अशोक कुमार गुप्ता और आशीष रंजन सिन्हा चुनावी पिच पर उतरकर किस्मत आजमा चुके हैं. आरके सिंह तो मौजूदा समय में मोदी सरकार में मंत्री हैं और दूसरी बार वो बीजेपी से सांसद चुने गए हैं.
जेडीयू में नीतीश कुमार के बाद नंबर दो ही हैसियत रखने वाले आरसीपी सिंह आईएएस रहे हैं. मौजूदा समय में जेडीयू से राज्यसभा सदस्य हैं. आरसीपी उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी थे और बाराबंकी में डीएम रहे हैं. इसी दौरान बाराबंकी के रहने वाले और सपा के दिग्गज नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने नीतीश से कह कर आरसीपी सिंह को राजनीति में एंट्री करायी थी. वहीं, पूर्व डीजी अशोक कुमार गुप्ता आरजेडी का दामन थामकर विधानसभा पहुंचने की जुगत में जुटे हैं. हालांकि, अशोक इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में पटना साहिब सीट से निर्दलीय किस्मत आजमा चुके हैं.
2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में पुलिस सेवा के अधिकारी सोम प्रकाश औरंगाबाद जिले के ओबरा से निर्दलीय विधायक चुने गए थे. इसके बाद 2015 के चुनाव में वो हार गए थे. हालांकि इस बार मैदान में उतरने की तैयारी है. दारोगा की नौकरी से वीआरएस लेने वाले रवि ज्योति राजगीर से जेडीयू के विधायक हैं. इसी तरह मनोहर प्रसाद सिंह भी मनिहारी विधानसभा सीट से जीतकर लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं और हैट्रिक लगाने की जुगत में हैं.
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!