Thursday, January 16

मानसून सत्र के दौरान रविवार को संसद के ऊपरी सदन में खासी नोकझोंक देखने को मिली। कृषि विधेयकों पर बहस के दौरान टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापति के सामने रूल बुक फाड़ दी। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सांसद वेल में पहुंच गए। वहीं, आज इस पर कार्रवाई करते हुए संजय सिंह सहित विपक्ष के आठ सदस्यों को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है।  राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने रविवार को विपक्ष के हंगामे पर कहा, कल राज्यसभा के लिए बुरा दिन था जब कुछ सदस्य सदन के वेल में आए। कुछ सांसदों ने पेपर को फेंका। माइक तोड़ दिया। रूल बुक को फेंका गया। उपसभापति को धमकी दी गई। उन्हें उनका कर्तव्य निभाने से रोका गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। मैं सांसदों को सुझाव देता हूं, कृपया कुछ आत्मनिरीक्षण करें।

नयी दिल्ली(ब्यूरो) – सितम्बर 21 :

राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सदन में उपद्रव करने के लिए 8 सांसदों को 1 सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान वो सदन की कार्यवाही में भी हिस्सा नहीं ले सकेंगे। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने जिन सांसदों को सस्पेंड किया, उसमें आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और तृणमूल कॉन्ग्रेस के डेरेक ओब्रायन भी शामिल हैं। इन सभी ने रविवार (सितम्बर 20, 2020) को जबरदस्त उपद्रव किया था।

संजय सिंह और डेरेक ओब्रायन के अलावा राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नज़ीर हुसैन और एलमरान करीम पर कार्रवाई करते हुए इन सभी को 1 सप्ताह के लिए सस्पेंड किया गया। इन सभी ने रविवार को सदन में महत्वपूर्ण कृषि बिलों के पास होने के दौरान जम कर हंगामा किया था। उपसभापति हरिवंश के सामने लगे माइक को भी तोड़ डाला गया था। साथ ही बिल की प्रति फाड़ कर चेयर की तरफ फेंका था।

राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने पूरी कार्यवाही की वीडयो फुटेज देख कर उपद्रवी सांसदों के व्यवहारों को देखा। जैसे ही सोमवार को राज्यसभा शुरू हुई, डिप्टी स्पीकर हरिवंश ने सभी सस्पेंड हुए सांसदों को सदन से बाहर जाने को कहा। वहीं सभापति नायडू ने कहा कि रविवार को राज्यसभा के लिए अत्यंत बुरा दिन था, जब कुछ सांसदों के व्यवहार ने निश्चित रूप से संसदीय मर्यादा और शिष्टाचार की सारी रेखाओं को पार कर दिया और सदन के सम्मान को नीचा दिखाया।

हालाँकि, सस्पेंड हुए सांसदों ने पहले तो सदन से निकलने से इनकार कर दिया, जिसके बाद 10 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। इससे पहले इन सांसदों पर कार्रवाई के लिए सदन में मोशन मूव किया गया। नायडू ने कहा कि कल डिप्टी स्पीकर को शारीरिक रूप से धमकाया गया और मार्शल अगर समय पर हस्तक्षेप नहीं करते तो उन्हें नुकसान भी पहुँचाया जा सकता था।

नायडू ने कहा कि बेंच पर चढ़ जाना, सदन में नाचने लगना और चेयर की तरफ रूल-बुक फेंकना सांसदों के लिए अशोभनीय व्यवहार है। उन्होंने कहा कि वो रविवार की कार्यवाही देखने के बाद क्षुब्ध हैं। उधर उल्टा डिप्टी स्पीकर के खिलाफ ही राज्यसभा में नो-कॉन्फिडेंस मोशन पेश कर दिया गया, जिसे ‘प्रॉपर फॉर्मेट’ में न होने के कारण सभापति वेंकैया नायडू द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया। सदन में आज भी हंगामा जारी है।

बता दें कि राज्यसभा में बिल का विरोध करते हुए विपक्षी सांसद वेल तक पहुँच गए थे। कोविड-19 के खतरे को भुलाते हुए धक्‍का-मुक्‍की भी हुई। तृणमूल कॉन्ग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उप सभापति के सामने रूल बुक फाड़ने की कोशिश की। इस दौरान ब्रायन उप सभापति हरिवंश के बिल्कुल ही करीब पहुँच गए। वहाँ खड़े मार्शल ने बड़ी ही मुश्किल से उन्हें हटाया। राजनाथ सिंह ने भी संसद में हुए हंगामे की कड़ी निंदा की।