Sunday, September 14

पचकुलां 18  सितंबर

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि किसानों की जनभावनाओं को देखते हुए और उनका भविष्य बर्बाद होने से बचाने के लिए तीन कृषि अध्यादेशों को संसद  के दोनों सदनों में पास होने से पहले वापिस लेकर किसानों को आत्महत्या के लिए विवश होने से बचाया जाए।

           चन्द्र मोहन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी  की सरकार किसानों गरीबों की विरोधी सरकार है। तीनों कृषि अध्यादेशों ने भोले -भाले किसानों  की आत्मा को झकझोर रख दिया है। वर्ष 2014 से पहले किसानों को वर्ष 2022 तक  फसलों के भाव दोगुना करने का झूनझूना पकड़ा  दिया गया और 6 साल बीतने के बाद भी , किसानों को उनका हक देने की बजाय उन पर काला कानून और थोप दिया गया है।                      

‌           उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी विडम्बना की बात यह है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने और किसानों के दम पर राजनीति करने वाले जन नायक जनता पार्टी के नेता भी किसानों के हितों से खिलवाड़ करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड रहे हैं। अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए किसान आज सड़कों पर है। अपने पेट की लड़ाई लड रहे किसान जब अपने अधिकारियों की मांग करता है तो उस पर  निर्दयता से लाठियां भांजी जाती हैं।                                       ‌        

        पूर्व उपमुख्यमंत्री ने मांग की है कि तीनों कृषि अध्यादेशों को तुरंत वापिस लिया जाए, नहीं तो देश का किसान अपने  खोए हुए अस्तित्व को बचाने के लिए इस सरकार की तानासाही नीतियों का विरोध करेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि केन्द्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार आने पर इन काले अध्यादेशों को वापिस लेकर, केवल मात्र एक कानून लाया जायेगा और वह होगा सभी फसलों का, न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस मामले में वह किसानों के साथ खड़े है और उनको न्याय मिलने तक उनके साथ खड़े रहेंगे। हरियाणा सरकार को विधानसभा का तुरंत अधिवेशन बुला कर  इन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ पंजाब की तर्ज पर सदन में इनके खिलाफ प्रस्ताव पास करके एक जूटता का परिचय देना चाहिए और किसानों का विश्वास जीतने की कोशिश करनी चाहिए।