Tuesday, February 4

मेरी मातृभाषा है ———हिन्दी
पुष्प की अभिलाषा है हिन्दी
घोर निराशा में हो गर प्राणी
जीने की आशा है ——– हिन्दी !!

बच्चन की मधुशाला है हिन्दी
मीरा का गोपाला है —— हिन्दी
है — प्रसाद की कामायनी
अमृत रस प्याला है —- – हिन्दी !!

रैदास का चंदन –पानी है —हिन्दी
महादेवी के गीतों की रवानी है हिन्दी
है — द्विवेदी का अद्भुत आलाप
प्रेमचंद की अनुपम कहानी है हिन्दी !!

गुप्त की भारत भारती —हिन्दी
मिश्र की त्रिकालसंध्या आरती हिन्दी
बहता प्रसाद का यूँ झरना
युगवाणी पंत की पुकारती हिन्दी !!

सुभद्रा के बिखरे मोती हिन्दी
दिनकर की रसवंती बोती हिन्दी
नवीन की उर्मिला के गले में
तुलसी के पद ——पिरोती हिन्दी !!

एक अनुपम वरदान है हिन्दी
साहित़्य की जान है — हिन्दी
यह सुमन है बड़ा निराला
परिंदा की उड़ान है हिन्दी ।

from ravi bharti’s wall