पंचकूला 12 सितंबर
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने जिला प्रशासन पंचकूला द्वारा निरपराध किसानों पर बर्बरतापूर्ण तरीके से मुकदमे दर्ज करके उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने की कुचेष्टा की गई है। इस प्रकार की कार्रवाई सहन नहीं की जाएगी।
चन्द्र मोहन ने कहा कि इन किसानों का कसूर यही था कि वह अपने अधिकारों की रक्षा के लिए और केन्द्र सरकार द्वारा अनाधिकृत रूप से किसानों की मर्जी के बिना उन पर थोपे गए तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ अपना रोष व्यक्त करने के लिए 10 सितंबर को कुरूक्षेत्र जा रहे थे।
उन्होंने कहा कि इन किसानों को पंचकूला पुलिस द्वारा मौली गांव के नजदीक रोक कर इन्हें पूरे दिन बंधक बनाकर रखा गया और इस मामले में हद तो तब पार हो गई, जब पुलिस ने बहादुर सिंह ककराली, सुरेन्द्र सिंह ठरवा, नरेन्द्र सिंह नयागांव,बम्भूल सिंह बतौड,अमन कुमार भैरेली सहित अनेक किसानों के खिलाफ बेवजह मुकदमे दर्ज किए गए हैं। दुर्भावना पूर्वक तरीके से की गई इस कार्रवाई मैं भर्त्सना करता हूं। मेरे जिला के बेकसूरवार किसानों पर अत्याचार को सहन नहीं किया जाएगा।
चन्द्र मोहन ने पंचकूला जिला प्रशासन से मांग की है कि इन मुकदमों को तत्काल प्रभाव से वापिस लिया जाए। इसके साथ ही किसानों के साथ हो रहे अन्याय का डटकर विरोध किया जायेगा। निहत्थे किसानों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठी चार्ज से किसानों के हौसले को और अपने अधिकारियों की रक्षा करने के लिए उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को कोई ताकत नहीं रोक सकती है।
उन्होंने कहा कि मैं भी एक किसान हूं , मुझे एक गरीब किसान की दयनीय हालत के बारे में जानकारी है। भाजपा सरकार के आने के पश्चात किसानों के साथ जो छलावा किया गया है, आने वाले समय में देश का अन्नदाता इस वायदाखिलाफी का सरकार से बदला लेगा, क्योंकि यह कृषि अध्यादेश ही किसानों की बर्बादी का पैगाम लेकर आए हैं।