एलएसी पर भारत ने चीनी गोलाबारी का यथेष्ट जवाब दिया
- 45 साल पहले हुई भारत-चीन के बीच आखिरी फायरिंग
- 1975 में चीन ने धोखे से अरुणाचल में किया था हमला
- चीन की फायरिंग में असम राइफल्स के 4 जवान शहीद हुए थे और अब
- भारत-चीन के बीच सीमा पर फायरिंग
- पैंगोंग इलाके के पास वॉर्निंग शॉट फायर
जे&के(ब्यूरो):
भारत और चीन की सीमा पर मई से जारी तनाव एक बार फिर अपने चरम पर पहुंच गया है. सोमवार की रात को लद्दाख सीमा पर वो हुआ जो पिछले चार दशक में नहीं हुआ था. LAC पर बीती रात गोलीबारी की घटना हुई, जहां दोनों ओर से फायरिंग की गई. हालांकि, इस फायरिंग में किसी को निशाना नहीं बनाया गया. ऐसे में जहां दोनों देश बातचीत से मसला सुलझाने की बात कर रहे हैं, तब LAC पर हालात बेकाबू होते जा रहे हैं.
क्या हुआ बीती रात को?
लद्दाख सीमा पर लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है. काला टॉप और हेल्मेट टॉप समेत पैंगोंग इलाके के कई हिस्सों में भारतीय सेना का कब्जा है, जो रणनीतिक तौर पर काफी अहम है. यही कारण है कि चीन की सेना बौखला गई है. इसी बौखलाहट में चीनी सेना सोमवार की रात को बॉर्डर पर आगे बढ़ने लगी. इसी दौरान भारतीय सेना की ओर से वार्निंग शॉट (चेतावनी के लिए हवा में फायरिंग) दागे गए, जिसके बाद चीनी सेना के जवान पीछे हट गए.
यहां चीनी सेना की ओर से भी गोलीबारी की गई, जिसका फिर भारतीय सेना ने जवाब दिया. हालांकि, कुछ देर की फायरिंग के बाद हालात काबू में हैं.
हाल ही दिनों में देखें तो इससे पहले 31 अगस्त की रात को भी फायरिंग की बात सामने आई थी. तब चीनी सेना ने पैंगोंग इलाके के पास से भारतीय सेना को हटाने के लिए फायरिंग की थी, हालांकि वो किसी तरह की आक्रामक फायरिंग नहीं थी.
आपको बता दें कि 1975 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब चीन और भारत की सीमा पर गोली चली हो. इससे पहले दोनों देशों ने गोली ना चलाने और किसी की जान ना गंवाने को लेकर समझौता किया था. लेकिन बीते 15 जून को भारत के 20 जवान शहीद हुए और अब गोली चल गई.
20 अक्टूबर 1975 को चीन की धोखेबाजी
भारत का कहना है कि 20 अक्टूबर 1975 को चीनी सैनिक घुसपैठ कर दक्षिण तुलुंग ला में भारतीय सीमा में आ गए थे, यहां से उन्होंने असम राइफल्स के जवानों पर घात लगाकर हमला किया. चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर गोलियां चलाईं.
इस बाबत एक भारतीय अधिकारी ने तब द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया था कि चीन ने घात लगाकर ये हमला भारतीय सीमा में घुसकर किया था. इस इलाके में भारतीय सेना कई सालों से पैट्रोलिंग करती थी. इस घटना पर भारतीय सेना ने चीन के सामने कड़ी प्रतक्रिया जताई थी. चीन ने इस घटना को लेकर पहले तो इनकार किया लेकिन 3 नवंबर 1975 को चीन ने इस घटना को स्वीकार किया लेकिन फ्रांस के अखबार La Monde के मुताबिक चीन ने बड़ी बेशर्मी से इस घटना की जिम्मेदारी भारत पर डाल दी. चीन ने कहा कि उसके सैनिकों ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाई थीं.
चीन की ओर से क्या कहा गया?
बीती रात को हुई इस घटना पर चीन ने एक बार फिर भारत पर ही आरोप लगा दिया है. चीनी सेना की ओर से बयान में कहा गया कि भारतीय सेना ने अवैध तरीके से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल को पार किया गया. इसी दौरान भारत ने चीनी सैनिकों पर वार्निंग शॉट फायर किया, ऐसे में चीनी सेना को इसका जवाब देना पड़ा.
इससे पहले भी चीनी सेना की ओर से 29-30 अगस्त की रात, 31 और 1 तारीख को घुसपैठ की कोशिश की गई थी. हालांकि, हर बार ये कोशिश सफल नहीं हो पाई, उल्टा भारतीय सेना ने पैंगोंग इलाके के पास अहम जगहों पर अपना कब्जा कर लिया.
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!