प्रणब दा उत्कृष्ट कोटि के विद्वान और कद्दावर स्टेट्समैन थे: प्रधान मंत्री मोदी
प्रणब मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में मिराती गाँव के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनकी पिता का नाम कामदा किंकर मुखर्जी और माता का नाम राजलक्ष्मी मुखर्जी था. उनके पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे. जिन्होंने ब्रिटिश शासन की खिलाफत करने पर 10 वर्षो से अधिक जेल की सजा काटी थी. उनका विवाह शुभ्रा मुखर्जी के साथ हुआ था. उनके दो बेटे और एक बेटी हैं. उन्हें पढ़ने, बागवानी करने और संगीत सुनने का शौक था.
बीमारी की वजह से देश के 13वें राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया. उन्हें फेफड़ों में संक्रमण की वजह से 10 अगस्त को दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई और वे कोमा में चले गए.
नयी दिल्ली(ब्यूरो)
पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न से विभूषित प्रणब मुखर्जी का सोमवार को 84 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे पिछले कुछ हफ़्तों से दिल्ली में सेना के आरआर अस्पताल में इलाज करवा रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को विद्वान और कद्दावर स्टेट्समैन बताते हुए कहा कि उन्होंने देश की विकास यात्रा में अपनी अमिट छाप छोड़ी। पीएम मोदी ने ट्विटर पर अपनी और दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति से जुड़ी कुछ यादें शेयर की हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी के साथ अपनी कुछ तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है। इन्हीं में से एक तस्वीर में वे प्रणब मुखर्जी का पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते हुए दिख रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, “भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन से भारत दुखी है। हमारे देश की विकास यात्रा में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी है। वह उत्कृष्ट कोटि के विद्वान और कद्दावर स्टेट्समैन थे, जिन्हें हर राजनीतिक तबके और समाज के सभी तबकों से तारीफ मिलती थी।”
पीएम मोदी ने एक और ट्वीट में लिखा है कि राष्ट्रपति रहते हुए प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन को आम लोगों के लिए और ज्यादा पहुँच वाला बनाया। एक अन्य ट्वीट में मोदी ने 2014 में खुद को प्रणब मुखर्जी से मिले मार्गदर्शन और सहयोग को याद किया है। उन्होंने लिखा कि 2014 में दिल्ली में वह नए थे, लेकिन पहले दिन से ही उन्हें प्रणब मुखर्जी का मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिला।
पीएम मोदी ने लिखा, “2014 में दिल्ली में मैं नया-नया था। पहले ही दिन से मुझे श्री प्रणब मुखर्जी का मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिला। मैं हमेशा उनके साथ बिताए पलों को याद रखूँगा। उनके परिवार, मित्रों, प्रशंसकों और पूरे भारत में उनके समर्थकों के प्रति संवेदना। ॐ शांति।”
गौरतलब है कि प्रणब मुखर्जी दिमाग में खून के एक थक्के के ऑपरेशन के लिए अस्पताल गए थे, जहाँ वो जाँच के दौरान कोरोना पॉज़िटिव भी पाए गए थे। बीते 10 अगस्त को उन्होंने खुद ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी थी। अस्पताल में ही सर्जरी के दौरान वो कोमा में चले गए थे।
राजनीतिक सफर
पहली बार राज्यसभा सांसद 1969
पहली बार केंद्रीय मंत्री 1973
पहली बार कैबिनेट मंत्री 1984
पहली बार लोकसभा सांसद 2004
प्रणब दा को सम्मान
भारत रत्न 2019
पद्म विभूषण 2008
सर्वश्रेष्ठ सांसद 1997
सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री 1984
राजनीति के ‘दादा’
1969 पहली बार राज्यसभा सदस्य
1973 इंदिरा गांधी सरकार में उप मंत्री
1975 दूसरी बार राज्यसभा सांसद
1981 तीसरी बार राज्यसभा सांसद
1984 इंदिरा गांधी सरकार में वित्त मंत्री
1984 सर्वे में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री
1991 योजना आयोग के उपाध्यक्ष
1993 चौथी बार राज्यसभा सांसद
1995 नरसिम्हा राव सरकार में विदेश मंत्री
1999 पांचवी बार राज्यसभा सांसद
2004 पहली बार लोकसभा सांसद
2004 यूपीए-1 सरकार में रक्षा मंत्री
2006 यूपीए-1 सरकार में विदेश मंत्री
2009 यूपीए-2 सरकार में वित्त मंत्री
2012 भारत के 13वें राष्ट्रपति बने
2017 राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म
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