पिछले दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा कि पश्चिमी देश भारत को मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. अब भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि शायद वह अपना इतिहास देख रहे होंगे. भारत तो ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें अपनी आजादी पर गर्व महसूस होता है. एस जयशंकर ने इमरान ख़ान पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि उन्होंने कुछ किया, तो हम भी वैसा ही करेंगे. भारत का खुद को लेकर अपना नज़रिया है.
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के वक्तव्य का तीखे शब्दों में जवाब दिया है. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि भारत किसी के साथ मिलकर या इशारों पर काम नहीं करता बल्कि ये काम पाकिस्तान करता रहा है. गौरतलब है कि हाल में दिए एक साक्षात्कार के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने देश का भविष्य चीन के साथ बताया था. उन्होंने कहा था कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत को पश्चिमी देश अपने हितों के इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे चीन को रोका जा सके. इमरान खान का कहना था कि यही वजह है जिसके कारण चीन को पाकिस्तान की जरूरत है. उन्होंने पाकिस्तान की भू-राजनीतिक स्थिति को बेहद महत्वपूर्ण बताया था.
क्या बोले विदेश मंत्री
अब एक इंटरव्यू के दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने कहा है कि पाकिस्तान को इसके बारे में ढंग से सोचना चाहिए. भारत बिल्कुल अलग तरीके का सांस्कृतिक देश है. हमारे इतिहास की तरफ देखिए. चूंकि हमने दो सदी तक बहुत मुश्किलें झेलीं इसलिए हम अपनी स्वतंत्रता की बहुत इज्जत करते हैं. कुछ लोगों को लगता है कि उन्होंने कुछ गलत किया तो हम भी ऐसा ही करेंगे. भारत का खुद को लेकर एक निश्चित दृष्टिकोण है.
एस. जयशंकर ने कहा कि भारत के अपने हित हैं. भारत का अपना चरित्र है. इसे किसी के विरुद्ध बताकर नकारात्मक तौर पर नहीं दर्शाया जा सकता.
चीन के साथ सीमा विवाद का फायदा उठाना चाहता है पाकिस्तान
गौरतलब है कि भारत बीते चार महीनों से चीन के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ है. जून महीने के मध्य में हुई गलवान घाटी की घटना ने इस विवाद को और ज्यादा बढ़ा दिया है. ऐसे में पाकिस्तान को चीन से नजदीकी बढ़ाने का ये सबसे मुफीद वक्त लग रहा है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की तरफ से लगातार चीन के पक्ष में बयान दिए जाते रहे हैं. लंबे समय से अमेरिका के इशारों पर काम करने वाले पाकिस्तान ने बीते दशक के दौरान अपना सबसे बड़ा साझीदार चीन को बना लिया है