FATF से डरा पाकिस्तान भारत पर मढ़ रहा दोष

पिछले साल की बैठक के बाद FATF ने पाकिस्तान से संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति द्वारा घोषित सभी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों को अन्य चीजों पर वित्तीय प्रतिबंध लगाने के लिए कहा था. इस लिस्ट में पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर और 1993 मुंबई बम धमाकों का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम शामिल है. पाकिस्तानी सरकार के अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद से देश को सालाना लगभग 10 बिलियन अमरीकी डॉलर का नुकसान हो रहा है.

पाकिस्तान ने जो दस्तावेज जारी किया है, उसमें बताया है कि शेख दाऊद इब्राहिम कासकर का जन्म भारत के महाराष्ट्र में रत्नागिरी के खेर में 26 दिसंबर, 1955 को शेख इब्राहिम अली कासकर के घर में हुआ था। उसकी नागरिकता भी भारतीय बताई गई है। साथ ही उसके सभी नामों जैसे दाऊद हसन, अद्बुल हमीन अब्दुल आजीज, दाऊद साबरी, दाऊद भाई, हाजी भाई, बड़ा भाई, आदि का जिक्र भी किया गया है।

इस्लामाबाद: 

आतंकवाद का ‘आका’ कहा जाने वाला पाकिस्तान फाइनेंशिएल एक्शन टास्क फोर्स की कार्रवाई को लेकर बेहद डरा हुआ है. प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि यदि पाकिस्तान को FATF द्वारा ब्लैकलिस्ट लिया गया तो देश की अर्थव्यवस्था नष्ट हो जाएगी और पाकिस्तानी करेंसी को गिरावट का सामना करना होगा. एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए, खान ने कहा कि अगर पाकिस्तान को एफएटीएफ की ब्लैकलिस्ट पर डाल दिया जाता है, तो उसकी स्थिति ईरान की तरह हो जाएगी. कोई हमसे डील नहीं करेगा, कोई भी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान हमारा साथ नहीं देगा. 

मिल चुके हैं कई मौके

अपने डर को बयां करते हुए इमरान खान ने कहा, ‘ब्लैकलिस्ट होने से हमारी करेंसी प्रभावित होगी. पाकिस्तानी रुपया गिरेगा और हमें नहीं पता कि कितना. रुपये को बचाने के लिए हमारी पास विदेशी भंडार नहीं है. जब रुपया गिरता है, तो बिजली, गैस और तेल से लेकर सबकुछ महंगा हो जाएगा. एक बार हम ब्लैकलिस्ट हो गए तो हमारी पूरी अर्थव्यवस्था मुद्रास्फीति के कारण नष्ट हो जाएगी’. पाकिस्तान पिछले दो सालों से FATF की ग्रे लिस्ट में है. उसे वित्तीय सौदों में पारदर्शिता लाने और आतंकवाद के वित्तपोषण पर कार्रवाई करने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए कई मौके मिल चुके हैं. FATF द्वारा कई बार डेडलाइन बढ़ाई गई है, लेकिन पाकिस्तान हर बार नाकाम रहा है.

यहां भी भारत पर लगाया आरोप

खान ने आरोप लगाया कि भारत उसे FATF में धकेलने की कोशिशों में लगा हुआ है. उन्होंने कहा, ‘भारत पिछले दो वर्षों से पाकिस्तान पर एफएटीएफ का प्रतिबंध लगवाने की कोशिश में है. वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर पिछले दो सालों से इस कोशिश में है कि हमें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाए. यदि यह प्रतिबंध लग जाता है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तबाह हो सकती है. हमारी की स्थिति ईरान जैसी हो सकती है जिससे कोई अतंरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान कारोबार नहीं करना चाहेगा.

कोरोना के चलते बढ़ी थी डेडलाइन

पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की अहम बैठक अक्टूबर में होने वाली है, जिसमें पाकिस्तानी पर कार्रवाई का फैसला होगा. FATF ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाला हुआ है और उसे 2019 के अंत तक आतंकियों पर लगाम कसने के लिए कार्ययोजना लागू करने के लिए कहा था, लेकिन बाद में कोरोना महामारी के कारण इसकी समयसीमा बढ़ा दी गई.

सालाना लगभग इतना नुकसान

पिछले साल FATF ने पाकिस्तान से कहा था कि वह उन सभी आतंकियों के लिए वित्तीय प्रतिबंधों की जानकारी प्रदान करे, जिसका उल्लेख संयुक्त राष्ट्र ने किया है. इसमें पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर और 1993 के मुंबई ब्लास्ट का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम शामिल है. पाकिस्तानी सरकार के मुताबिक, एफएटीएफ द्वारा ग्रेलिस्ट के डाले जाने के चलते पाकिस्तान को सालाना लगभग 10 बिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है.

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