सरकार की हठधर्मिता और तानाशाही रैवये का परिणाम देश के लाखों छात्रों को भुगतना पड़ेगा

चकूला 29 अगस्त-

   हरियाणा के उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार  1 सितंबर से  जे ई ई और नीट कीपरीक्षा करवाने पर  अड़ी  हुई है। उसकी   और यहपरीक्षाएं उनके लिए एक अभिशाप साबित होगीं।                  

 चन्द्र मोहन ने कहा कि अखि्ल भारतीयकांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष और देश के 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया है और कांग्रेस पार्टी नेकल इस तुगलकी फरमान के विरोध में सारे देश में प्रर्दशन भी किया है, जिसका लाखों बच्चों ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जिसप्रकार से देश में कोरोनावायरस से ‌

संक्रमित मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। वह देश के उज्जवल भविष्य होनहार बच्चों के लिएचिंता का विषय है। कल देश में 77 हजार से अधिक कोरोनावायरस से संक्रमित  व्यक्ति एक दिन में आए हैं। यह आज तक का सबसेबड़ा  कोरोना विस्फोट है। यही क्रम जारी रहा तो मैं समझता हूं कि यह संख्या शीघ्र ही एक लाख से पार हो जायेगी।                      ‌                        

  उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में जिस प्रकार से स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई है और मुख्यमंत्री मनोहर लालखट्टर, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, बिजली मंत्री रणजीत सिंह, परिवहन मंत्री टेकचंद शर्मा सहित अनेक गणमान्य विधायकऔर अधिकारी कोरोनावायरस का शिकार हुए हैं। इससे मालूम होता है कि आने वाले दिनों में और भंयकर परिस्थितियों का सामनाकरना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री जी और विधानसभा अध्यक्ष  तो अपना इलाज प्राईवेट मेदांता गुरूग्राम के अस्पताल में करवा सकते हैं ।वह गरीब मां बाप का बच्चा जिसको परीक्षा की बदइंतजामी के कारण कोरोना हो गया तो क्या उसका  इलाज सरकार मेदांता में अपनेखर्चे पर करवाएगी।                      

चन्द्र मोहन ने आरोप लगाया कि जिस प्रकार से संकट के इस समय में विधानसभाऔर लोकसभा के ‌ सत्रो की अवधि कम की गई है। उसी प्रकार से हालात सामान्य होने पर ही यह परीक्षाएं आयोजित करवाई जाए।उन्होंने मांग की है कि जे ई ई और नीट की परीक्षा कम से कम अक्तूबर या नवंबर में करवाई जाए। उन्होंने कहा कि दोनों परीक्षाओं मेंलगभग 24 लाख 50 हजार उम्मीदवारों ने अपना भविष्य बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है ‌।इन सबके लिए फूल प्रूफ  व्यवस्था करनासम्भव नहीं लगता है। कांग्रेस पार्टी चाहती है कि युवाओं का जीवन पहले है, क्योंकि जान है तो जहान है। परीक्षाएं आयोजित करवाईजानी चाहिए ताकि, उनकी पढ़ाई का नुक़सान ना हो और साल भी खराब ना हो, इसके लिए उचित समय और कदम उठाने की जरूरतहै।                ‌                 

  उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार यह आश्वासन दे कि परीक्षा के समय किसी भी परिक्षार्थी को कोरोना हुआतो सरकार उसका इलाज मुफ्त करवाएगी ‌‌। एक गरीब बच्चा  प्राईवेट लैब में 4500 रुपए  देकर कहां से करवाएगा, उसे अकाल ही मौतका ग्रास बनना पड़ेगा।            

  उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को अपनी हठधर्मिता को छोड़कर लाखों युवाओं के भविष्य को ध्यान मेंरखते हुए ही अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए ताकि इस कोरोना रुपी महाराक्षस से इनके जीवन को बचाया जा सके ‌

उन्होने़ मांगकी है कि इस समस्या के समाधान के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया जाए ताकि वह की प्रदेशों में आई बाढ़ और रेलवे औरबसों की समुचित व्यवस्था न होने को भी ध्यान में रखते हुए अपना सुझाव दे ताकि बच्चों को संक्रमण से भी बचाया जा सके और उनकेपरिवारों को भी संक्रमित होने से बचाया जा सके ‌। इसी में सबका हित निहित है ‌।        

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