मनरेगा से जुड़े विकास कार्यों को मिलेगी गति – उपायुक्त करनाल
मनोज त्यागी, करनाल – 19 अगस्त :
जिला में मनरेगा से जुड़े विकास कार्यों को गति मिलेगी। जिला प्रशासन इस स्कीम पर तवज्जो देकर काम कर रहा है, ताकि लोगों विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रो में रहने वाले अधिक से अधिक परिवारो को रोजगार देकर उनकी आजीविका का साधन प्रशस्त किया जा सके। कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते इसका महत्व ओर अधिक बढ़ गया है। इसी के चलते बुधवार को उपायुक्त-सह-जिला परियोजना समन्वयक निशांत कुमार यादव ने लघु सचिवालय के सभागार में लाईन डिपार्टमेंट के साथ सम्मिलन किए गए मनरेगा के भिन्न-भिन्न विकास कार्यों की समीक्षा की और सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि अब हर 15 दिन के बाद मनरेगा के विकास कार्यों की समीक्षा होगी, ताकि उन्हें दिए गए लक्ष्य को हर हाल में पूरा किया जा सके।
उन्होंने इन्द्री व निसिंग खण्ड के सहायक खण्ड कार्यक्रम अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा के दौरान अगस्त मास तक लक्ष्य के फलस्वरूप 105 प्रतिशत से अधिक प्रगति दिखाने पर प्रंशसा पत्र जारी करने की बात कही और कुंजपुरा, मूनक, असंध व घरौंडा खण्ड के ऐसे अधिकारियों को अपेक्षाकृत प्रगति न दिखाने के लिए डीआरडीए के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर व मनरेगा इंचार्ज गौरव कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा। उन्होंने कहा कि मनरेगा एक ऐसी स्कीम है, जिसमें लोगों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी देने के साथ-साथ विकास कार्यों की एसेट को सुदृढ़ बनाना भी है। मनरेगा सरकार का फ्लैगशिप कार्यक्रम है। हरियाणा में दूसरे प्रदेशो की अपेक्षा सर्वाधिक मजदूरी दी जाती है।
लाईन डिपार्टमेंट को दिए गए विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान उन्होंने खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारियों से कहा कि पंचायत विभाग मनरेगा का नोडल विभाग है। गांवो में रोजगार की जरूरत वाले परिवारो की पहचान कर अधिक से अधिक मानव दिवस सृजित किए जाएं। महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी सरोज बाला को उन्होंने निर्देश दिए कि आंगनवाडियो में मरम्मत के जो काम अधूरे हैं, उन्हें पूरा करवाएं। जिला वन अधिकारी नरेश रंगा से कहा कि वे नर्सरियों की संख्या बढ़ाएं, ताकि उनमें तैयार किए गए पौधों को पंचायतों को दिया जा सके। इससे पौधारोपण का लक्ष्य भी पूरा होगा और पर्यावरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
समीक्षा बैठक में ग्रामीण क्षेत्रो में अनुसूचित जाति व सीमांत किसानो के लिए कैटल शैड बनवाने के लिए उपायुक्त ने पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन कार्यों के लिए मैटिरियल उपलब्ध करवाएं और खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारियों से कहा कि वे मैटिरियल का भुगतान करवाएं। जिला में इस तरह के 4400 कैटल शैड बनाए जाने हैं। प्रत्येक खण्ड में 550 का लक्ष्य है, जिसमें 10 गुणा 12 साईज का शैड बनेगा। उन्होंने कहा कि गांवो में पात्र व्यक्तियों की पहचान कर इस काम को आगे बढ़ाएं, जिन खण्डो में ज्यादा लाभ पात्र मिलें, वहा ज्यादा कैटल शैड बनवाए जाएं।
उपायुक्त ने जिला परिषद के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) गौरव कुमार को कहा कि गावो में प्ले ग्राउण्ड, पार्क और व्यायामशालाओं के कार्यों को बढ़ाया जाए। प्रत्येक खण्ड में कम से कम 5 गांवो की पहचान करें। प्ले ग्राउण्ड कम से कम 2 एकड़ या उससे अधिक की जगह में हो। जमीन को अच्छे से समतल करवाकर, उस पर घास, पिलर व कांटेदार तार से बाउण्डरी की जाए। नजदीक से ही कोई ट्यूबवेल कनैक्शन भी ढूंड लें, ताकि पानी की उपलब्धता भी बनी रहे। सूचना पट्ट भी लगाएं। उन्होंने कहा कि गांवो में थ्री व फाईव पौंड भी बनाए जाएं, उनमें गांव से निकलने वाले पानी का परोपर चैनल हो।
उन्होंने पी.डब्ल्यू.डी. महकमे के अधिकारियों से कहा कि मनरेगा के तहत सड़को के बम्र्स पर मिट्टी डालने के साथ-साथ उनकी वाइडनिंग भी करवाई जाए। सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कहा कि गांवो में नहरों अथवा रजवाहों की सफाई के कार्य करवाए जाएं। जिला शिक्षा अधिकारी से कहा कि वे स्कूलो में मनरेगा के तहत करवाए जाने वाले कार्यों के एस्टीमेट भिजवाएं। उपायुक्त ने कहा कि मनरेगा के तहत प्रदेश में 30-40 तरह के कार्य चल रहे हैं। करनाल जिला में मनरेगा के 57 कार्य चल रहे हैं, इनमें नए कार्य भी शामिल किए जाएं, इसके लिए दूसरे प्रदेशो में चल रहे कार्यों का अध्ययन कर लिया जाए।
सीईओ गौरव कुमार ने उपायुक्त को बताया कि अगस्त मास तक जिला में मनरेगा के तहत 9 लाख 63 हजार मानव दिवस सृजित करने के फलस्वरूप 9 लाख 25 हजार मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं। इसके तहत 70 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है।
समीक्षा बैठक में एडीसी अशोक कुमार बसंल के अतिरिक्त सभी खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी तथा जिला शिक्षा अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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