किसान पराली को न जलाएं, बल्कि बनाएं अपनी आमदनी बढ़ाने का जरिया, ऐसी व्यवस्था करने की जरूरत : मंत्री जयप्रकाश दलाल

मनोज त्यागी करनाल 18 अगस्त

कृषि मंत्री ने मंगलवार को सीएसएसआरआई के सभागार में कृषि विभाग द्वारा राज्य स्तरीय कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि किया संबोधित, कहा पराली न जलाने बारे किसानों को करें जागरूक।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मंत्री जयप्रकाश दलाल ने किसानों का आह्वïान किया कि वे पराली को न जलाएं बल्कि इसे अपनी आमदनी बढ़ाने का जरिया बनाएं। इससे जहां पर्यावरण दूषित होने से बचेगा, वहीं भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और उत्पादन भी अधिक होगा तथा किसान की आर्थिक दशा मजबूत होगी। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से भी अपील की कि वे पराली के समुचित प्रबंधन को लेकर एक ऐसी व्यवस्था बनाएं ताकि किसानों को पराली के अच्छे दाम मिले और नए कृषि यंत्रों का प्रयोग करके कम लागत में अधिक आय अर्जित कर सकें और भूमिगत पानी के अत्याधिक दोहन को रोका जा सके।

  मंत्री जयप्रकाश दलाल मंगलवार को सीएसएसआरआई के सभागार में कृषि विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस मौके पर मंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा पराली न जलाने की शपथ भी दिलवाई। राष्टï्रीय गान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ तथा सीएसएसआरआई के प्रांगण में मंत्री ने पौधरोपण भी किया। 

इस मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि मैं मंत्री बाद में, किसान पहले हूं, स्वयं खेती करता हूं और किसानों की हर समस्या को भली-भांति समझता हंू। उनका प्रयास है कि किसान खुशहाल व समृद्घ बने, इसके लिए सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की दोगुनी हो, इस पर भी विभाग की ओर से सक्रियता से कार्य किया जा रहा है। इस योजना में खेती के साथ-साथ पशुपालन, मछली पालन व्यावसायों को बढ़ाने पर बल दिया जा रहा है तथा किसानों को फसल विविधिकरण अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि किसान कम लागत में अधिक उत्पादन ले सकें।

  उन्होंने कहा कि ठेका प्रथा के कारण कुछ किसान नई तकनीक को अपनाने में संकोच करता है क्योंकि उन्होंने जमीन को एक साल के ठेके पर ही लिया है। इसलिए इस विषय पर गंभीरता से विचार किया जाए और जमीन मालिक की बजाए ठेके पर खेती करने वाले किसान को ही सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं को सीधा लाभ दिया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा का किसान प्रकृति प्रेमी है और पर्यावरण को दूषित होने से बचाने में अपना पूर्ण सहयोग देते हैं। उन्होंने यह भी आशा प्रकट की कि आने वाली पीढ़ी के लिए उपजाऊ भूमि ही छोड़कर जाएंगे न कि पराली जलाकर भूमि के स्वास्थ्य को  खराब नहीं करेंगे। इस अवसर पर कृषि विभाग के महानिदेशक विजय सिंह दहिया ने विभाग की फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में पूर्ण जानकारी दी और किसानों की समस्याओं का हरसंभव समाधान करने का आश्वान दिया। उन्होंने बताया कि आज के एक दिवसीय कार्यशाला में पराली प्रबंधन के सभी विषयों पर वैज्ञानिकों तथा किसानों के बीच गहनता से चर्चा हुई तथा वीसी के माध्यम से किसानों से सुझाव भी आमंत्रित किए गए। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन को लेकर विभाग द्वारा अलग-अलग आयाम स्थापित किए गए हैं तथा किसानों को कईं तरह के प्रोत्साहन भी दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पराली प्रबंधन के लिए 2089 सीएससी के माध्यम से 15928 मशीन तथा 8777 निजी किसानों को मशीन उपलब्ध करवाई गई है। इसके अलावा 820 नए सीएससी 2741 मशीनें दी जाएंगी।

सर्वोच्च न्यायालय का फैसला, एसवाईएल का पानी हरियाणा को अवश्य मिलेगा : मंत्री जेपी दलाल

मंत्री जेपी दलाल ने एसवाईएल के निर्माण को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का हरियाणा के हक में फैसला आया है। इसलिए प्रदेश को एसवाईएल का पानी अवश्य मिलेगा, सरकार द्वारा किस एजेंसी के माध्यम से निर्माण करवाया जाना है, इस बारे विचार किया जा रहा है। इस मामले को लेकर मंगलवार को दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री मनोहर लाल व पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह के बीच वार्ता हुई है।

उन्होंने बताया कि सीएससी के संचालकों को टै्रनिंग देने का एक कार्यक्रम भी विभाग द्वारा तैयार किया गया है। इसके लिए जिला व ब्लॉक स्तर पर जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया जाएगा ताकि प्रदेश जीरो बर्निंग की ओर अग्रसर किया जाए। कार्यशाला में चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार व बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के उप कुलपति डा. समर सिंह ने किसानों से अपील की कि वे पानी बचाने, पराली न जलाने बारे और धान का क्षेत्र कम करते हुए सब्जी लगाएं। सब्जी की काश्त से जहां पानी की बचत होती है, वहीं किसानों की नगद आमदनी भी बढ़ती है। इसी प्रकार सीनेट के प्रतिनिधि एमएल जाट ने नई विधियों तथा विधियों की तुलनात्मक तथ्यों द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी दी।  कार्यशाला में सीएसएसआरआई के निदेशक डा. पीसी शर्मा ने संस्थान की नई शोध, भूमि की उर्वरता बारे, जिप्सम तकनीक, सीधी बिजाई, उप सतही जल निकास प्रणाली के बारे में प्रकाश डाला तथा अनुसंधान की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मंच का सफल संचालन राजीव रंजन ने किया तथा उप कृषि निदेशक डा. आदित्य प्रताप डबास ने कार्यक्रम के समापन पर सभी का धन्यवाद किया।

 इस अवसर पर नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर, कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक सुरेश गहलावत, अंतर्राष्टï्रीय गेहूं अनुसंधान केन्द्र के निदेशक जीपी सिंह, भाजपा के मीडिया प्रभारी शमशेर नैन, नरेन्द्र गौरसी, राजेश आर्य  सहित कृषि विभाग के अधिकारी व वैज्ञानिक उपस्थित रहे।बॉक्स: बरौदा हल्का के उप चुनाव में सरकार में हिस्सेदारी करना मुख्य मुद्दा, भाजपा के उम्मीदवार की जीत निश्चित : मंत्री जेपी दलाल।मंत्री जेपी दलाल ने मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सीधा बरौदा हल्के से ही आ रहा हूं। इस उप चुनाव में जनता का मुख्य मुद्दा सरकार में हिस्सेदारी को लेकर है। इसलिए भाजपा के उम्मीदवार की जीत निश्चित है। उन्होंने कहा कि पिछले कईं वर्षों के दौरान बरौदा हल्का से कांग्रेस का उम्मीदवार विजयी हुआ है लेकिन विकास के नाम पर वहां कुछ भी नहीं हुआ है। इसलिए वहां की जनता सरकार को अपना साथ देकर क्षेत्र का विकास चाहती है।

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