पीएम केयर पर याचिकाकर्ता को बड़ा झटका, सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज की याचिका
कोरोना वायरस महामारी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर फंड बनाया। आम लोगों से निवेदन किया कि वह इसके लिए अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़ दान और सहयोग करें। 27 मार्च को पीएम केयर फंड ट्रस्ट की आधिकारिक घोषणा हुई थी। प्रधानमंत्री इसके चेयरमैन हैं और गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं। जैसे ही इस योजना का ऐलान हुआ वैसे ही विरोधी दलों ने इस पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए थे। उनके मुताबिक़ सरकार इस फंड का दुरुपयोग कर सकती है, क्योंकि उसका ऑडिट CAG नहीं करेगा। सोनिया गाँधी ने तो आरोपों की झड़ी ही लगा दी थी। उन्होंने इस फंड के तहत इकट्ठा की गई राशि पीएम नेशनल रिलीफ फंड में स्थानांतरित करने की मॉंग की थी। Prime Minister’s Relief Fund बस नाम , प्रधान मंत्री कोई भी हो इस फंड का अध्यक्ष काँग्रेस पार्टी का अध्यक्ष ही होगा। अत: आपदा के समय यदि कोई भी निर्णय लेना हो तो कॉंग्रेस अध्यक्ष का मुंह ताकना होगा। इसीलिए पीएम केयर फंड की स्थापना की गयी।
नयी दिल्ली(ब्यूरो) – 18 अगस्त:
PM Cares Fund में जमा हुए पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका खारिज कर दी. कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की ओर PM Cares Fund ट्रस्ट का गठन किया गया है.
सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस याचिका में PM Cares Fund में जमा हुए पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष NDRF फंड में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने यह फंड बनाए जाने का बचाव किया था. सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर केंद्र सरकार ने कहा था कि पीएम केयर फंड बनाने पर रोक नहीं है. राष्ट्रीय या राज्य आपदा के समय पीएम केयर फंड दूसरे फंड पर रोक नहीं लगाते हैं. लोग इस फंड में स्वेच्छा से दान दे सकते हैं. इसलिए सारा पैसा NDRF में ट्रांसफर करने की मांग सुनवाई योग्य नहीं है. केंद्र सरकार ने इस मामले में दायर जनहित याचिका खारिज करने की मांग की थी.
वहीं CPIL की ओर से मामले की पैरवी करते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने केंद्र सरकार पर कई अनियमितताओं के आरोप लगाए थे. प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र सरकार को डीएमए के अनुसार कोविड -19 को शामिल करने के लिए एक राष्ट्रीय योजना तैयार करनी चाहिए. इस योजना में केंद्र को राहत के लिए न्यूनतम मानक जारी करने चाहिए. पीएम केयर फंड की सभी रसीदें सीएजी की ओर से ऑडिट कर इसकी जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए. जिस धनराशि का खुलासा नहीं किया गया है. उन सभी को NDRF कोष में स्थानांतरित किया जाना चाहिए.
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