हरियाणा सरकार का पारदर्शिता महज एक दिखावा:- के सी गोयल
चंडीगढ़:
हरियाणा राज्य फार्मेसी कौंसिल के पूर्व चेयरमैन के सी गोयल ने हरियाणा सरकार की पारदर्शिता को महग एक दिखावा करार दिया है और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज व् उप मुख्य मंत्री दुष्यंत चौटाला पर प्रहार करते हुए भ्रष्टाचार का सरदार बताया है
हरियाणा राज्य फार्मेसी कौंसिल के 1983 से अब तक निर्वाचोत सदस्य 25/9/96से 24/12/2007 तक व् 2/6/14 से 22/12/17 तक चेयरमैन हुए कृषण चंद गोयल ने अपने साथ आप बीती बयान करते हुए बताया कि सरकार न तो हमारी भगवाण नुमी अदालतों के फैसले को मानती और न ही देश के कानून को मानती, यदि यह पारदर्शिता एवं जीरो टोल्लेरेंस है तो इस से बड़ा धोखा नही सकता ?
फार्मेसी से PHD तक पास करने वालो को तब तक न तो कोई नोकरी मिल सकती और न ही लाइसेंस जिस के लिए फार्मासिस्ट की सेवाए जरूरी है
रजिस्ट्रेशन करने का अधिकार फार्मेसी एक्ट की धारा 32 के तहत केवल कौंसिल रजिस्ट्रार का है प्रधान व् कोई भी सदस्य इस में दखल नही दे सकता रजिस्ट्रार की नियुक्ति का अधिकार सरकार का नही केवल कौंसिल का है
लेकिन हरियाणा के ग्रह मंत्री एवं स्वास्थय मंत्री श्री अनिल विज जी ने माननीय हाई कोर्ट के फैसले जो CWP 10466/96 एवं 10886 /97 में 22/2/2007 को दिए एवं फार्मेसी एक्ट की धारा 26,फार्मेसी कौंसिल इंडिया के आदेशो को दरकिनार करते हुए अम्बाला कैंट BJP मडल अध्यक्ष श्री अजय परासर के भाई को बगैर किसी ग्रेजुएशन के,10+2 गैर मान्यता बोर्ड से उसी 10+2 के आधार पर डिप्लोमा कर्नाटका से लाने वाले मिस्टर अरुण परासर को डिप्लोमा से पीएचडी तक पास करने वालो को रजिस्टर्ड करने के लिए फार्मेसी कौंसिल का बगैर किसी आवेदन, इंटरव्यू के ही रजिस्ट्रार नियुक्त कर दिया गया जिस को सरकार पारदर्शिता मानती है?
बतोर निर्वाचित प्रधान के सी गोयल ने अपना कर्तव्य समझते हुए फार्मेसी एवं जन हित में इस अवैध नियुक्ति का विरोध करते हुए सरकार व् कौंसिल के सभी सदस्यों को लिखा जो श्री अनोल विज को इतना बुरा लगा कि चोकसी ब्यूरो का दुरूपयोग करते हुए के सी गोयल के विरुद्ध FIR न० 10 दिनाक 15/12/17 दर्ज करवा दी गयी और निलम्बीत कर दिया गया
माननीय हाई कोर्ट ने कौंसिल कार्यालय में नियुक्त रजिस्ट्रार एवं मुक्कमल स्टाफ की नियुक्ति को अवैध मानते हुए रद्द किया
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