क्या राहुल – सोनिया चीन से हुए कॉंग्रेस का सच सामने रखेंगे??? संबित पात्रा
अपने लंबे शासनकाल में वह चीन भारत की सीमाएं भी नहीं तय नहीं कर पाए। पर आज वह चीन के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है, जब कांग्रेस ने ऐसा किया है। भारत-चीन के बीच डोकलाम विवाद के समय भी जब दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हुई थीं, तब भी राहुल गांधी गुपचुप चीनी राजदूत से मिलने पहुंच गए थे। उरी और बालाकोट एयर स्ट्राइक पर भी सवाल उठाकर कांग्रेस देश को शर्मसार कर चुकी है।
दरअसल, चीन के साथ विवाद के बाद कांग्रेस पार्टी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुए समझौते की बात सामने आई थी. जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि कोई राजनीतिक दल किसी सरकार के साथ किस तरह समझौता कर सकता है? सीजेआई ने कहा कि कुछ चीजें कानून में बिल्कुल अलग हैं. एक राजनीतिक दल कैसे चीन के साथ समझौते में शामिल हो सकता है? कभी नहीं सुना कि किसी सरकार और दूसरे देश की राजनीतिक पार्टी में कोई समझौता हो रहा हो. हालांकि इस मामले में वकील ने कहा कि ये समझौता दो पार्टियों के बीच है. सनद रहे चीन में एक ही पार्टी है और उसी की सरकार है जबकि भारत में बहू दलीय प्रणाली है। अभी तक कॉंग्रेस और सीपीसी के करार का मज़मून साफ नहीं हुआ है.
नई दिल्ली:
आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की टिप्पणी पर भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी. संवाददाता सम्मेलन में संबित पात्रा ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या कोई पॉलिटिकल पार्टी किसी दूसरे देश से करार कर सकती है, ये गंभीर मुद्दा है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जी के ट्वीट्स ने कांग्रेस पार्टी को बुरी तरह से एक्सपोज किया था कि किस तरह 2008 में बीजिंग जाकर सोनिया जी और राहुल जी ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से करार किया. क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर आपस में बातचीत और सलाह-मशविरा किया. इन सबसे देश और सुप्रीम कोर्ट अचंभे में है. लेकिन इन सब पर कांग्रेस पार्टी ने जवाब नहीं दिया है.’
संबित पात्रा ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने एमओयू साइन किया था शी जिनपिंग के साथ. नड्डा जी ने देश के सामने सच्चाई को रखा. नड्डा जी ने पूछा था आखिरकार सच्चाई क्या है बताया जाए. उन्होंने इसे लेकर कई ट्वीट किए. कांग्रेस और सीपीसी (CPC) के बीच करार साइन हुआ था. सरकार और पार्टी वहां एक है. कांग्रेस पार्टी ने करारनामा साइन किया चीन के साथ और कहा कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सभी विषयों पर आदान-प्रदान करेंगे. ये हैरान करने वाला है, आश्चर्यजनक है. आज सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा है. चीफ जस्टिस ने कहा है कि एक पार्टी और एक देश के बीच ये करार हैरान करने वाला है.’
संबित पात्रा ने कहा, ‘गांधी परिवार के साथ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के एक खास संबंध बने इसलिए ये करार हुआ. बीजिंग में ओलंपिक्स का आयोजन हुआ तो सोनिया जी खास मेहमान बन कर गईं. डोकलाम स्टैंड ऑफ के दौरान राहुल गांधी रंगे हाथों पकड़े गए चीनी डिप्लोमैट के घर में. राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी डोनेशन मिला. नड्डा जी ने आज चैलेंज किया है कि क्या मां-बेटा बाहर आकर सवाल का जवाब देंगे.’
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर एक याचिका दी गई थी जिस पर सुनवाई से कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा.
कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुए समझौते की जांच की मांग वाली जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि 2008 में आपसी सहयोग और जानकारियों के लेन-देन के लिए हुआ समझौता संदिग्ध है जिसकी NIA से जांच होनी चाहिए. याचिका में सोनिया और राहुल गांधी को भी पक्ष बनाया गया है. एक वकील ने ये याचिका दायर की है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमने अबतक यह नहीं सुना कि एक देश की सरकार दूसरे देश की राजनीतिक पार्टी के साथ कोई समझौता करती हो.
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